चाकुलिया में सीपीआई (एम) का जोरदार प्रदर्शन: किसानों की ऋण माफी और बिजली आपूर्ति सहित कई मांगें उठाई गईं
चाकुलिया में सीपीआई (एम) ने जंगली हाथियों से सुरक्षा, किसान ऋण माफी, बिजली आपूर्ति और मनरेगा मजदूरी सहित कई मांगों को लेकर जुलूस निकाला। जानिए इस प्रदर्शन की प्रमुख मांगें।
चाकुलिया पंचायत में सीपीआई (एम) लोकल कमेटी ने मंगलवार, 3 सितंबर 2024 को विभिन्न महत्वपूर्ण मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। इस जुलूस का नेतृत्व पार्टी के राज्य कमेटी के सदस्य स्वपन कुमार महतो ने किया। जुलूस रास मंच से शुरू होकर मुख्य बाजार सड़क से होते हुए प्रखंड कार्यालय पहुंचा, जहां पर पार्टी के कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। अंत में एक प्रतिनिधिमंडल ने बीडीओ को ज्ञापन सौंपा।
इस ज्ञापन में कई प्रमुख मांगें उठाई गईं। सबसे पहले जंगली हाथियों से जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली हाथियों से हो रही क्षति एक गंभीर समस्या बनी हुई है। इसके अलावा, सरकार की आबुआ आवास योजनाओं का लाभ सभी वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचाने की बात कही गई।
सीपीआई (एम) के प्रदर्शन में झारखंड सरकार की किसान ऋण माफी योजना को तुरंत लागू करने की भी मांग की गई, जिसमें 50,000 से 2 लाख तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की गई थी। किसानों की इस कर्ज माफी को जल्द से जल्द लागू करने की अपील की गई।
इसके साथ ही, चाकुलिया प्रखंड में बिजली आपूर्ति की समस्या को भी उठाया गया। प्रदर्शनकारियों ने सुचारू रूप से बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की, क्योंकि क्षेत्र में बिजली कटौती आम बात हो चुकी है।
मनरेगा मजदूरों का बकाया मजदूरी का भुगतान भी एक प्रमुख मुद्दा रहा। प्रदर्शनकारियों ने मजदूरों को 100 दिनों का काम सुनिश्चित करने और उनकी बकाया मजदूरी का अविलंब भुगतान करने की मांग की।
इसके अतिरिक्त, जमीन के ऑनलाइन रिकॉर्ड में हो रही भारी गड़बड़ियों का भी मुद्दा उठाया गया। पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर इन गड़बड़ियों का समाधान करने और रैयतों को लगान रसीद जारी करने की मांग की गई।
इस प्रदर्शन में जिला सचिव जेपी सिंह, विद्यासागर मांडी, चितरंजन महतो, पानमानी किस्कु, दुर्गा माझी, मनिता सबर, मोचीराम महाली, सुगि सोरेन, निखिल नायक और बिरेन नायक समेत अन्य प्रमुख लोग शामिल थे। सभी ने अपनी मांगों को जोर-शोर से रखा और सरकार से इन मुद्दों पर तुरंत कार्रवाई की मांग की।
यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हुआ, लेकिन स्थानीय लोगों और प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे और भी बड़े प्रदर्शन करेंगे।
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