Chatra Murder: झारखंड में खौफनाक साजिश! बदले की आग में सगे भाइयों ने ले ली जान
चतरा में अंकित गुप्ता हत्याकांड का खुलासा! बदले की आग में तीन सगे भाइयों समेत पांच लोगों ने बेरहमी से हत्या कर दी। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

चतरा: झारखंड के चतरा जिले में 20 मार्च की रात हुई चर्चित अंकित गुप्ता हत्याकांड का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें तीन सगे भाई शामिल हैं।
आरोपियों ने पुरानी रंजिश का बदला लेने के लिए लाठी-डंडों और चाकू से बेरहमी से हत्या कर दी।
पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार भी बरामद कर लिए हैं।
कैसे रची गई हत्या की साजिश?
चतरा पुलिस के मुताबिक, यह हत्या महज एक झगड़े का बदला लेने के लिए की गई।
सरस्वती पूजा के दौरान हुए झगड़े में अंकित गुप्ता और उसके दोस्तों ने मुख्य आरोपी सुशांत कुमार की पिटाई कर दी थी।
इस घटना के बाद सुशांत बार-बार अपने दोस्तों और घरवालों से अपमानित महसूस कर रहा था।
इसी शर्मिंदगी और गुस्से की वजह से उसने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर अंकित को मौत के घाट उतारने की साजिश रच दी।
वारदात की पूरी कहानी
20 मार्च की रात करीब 8 बजे अंकित गुप्ता अपने घर लौट रहा था। इसी दौरान पत्थलदास मंदिर के पास पहले से घात लगाए बैठे आरोपियों ने उस पर हमला कर दिया।
लाठी-डंडों और चाकू से बेरहमी से पीटा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
इलाज के दौरान 21 मार्च की सुबह रांची (रिम्स) में उसकी मौत हो गई।
गिरफ्तार हुए आरोपी
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एसआईटी टीम बनाई और पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपी:
सुशांत कुमार
सुमित कुमार
सौरभ कुमार (तीनों सगे भाई)
मिलेश कुमार
विष्णु कुमार
पुलिस अभी भी अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
कैसे खुला मामला?
पुलिस अधीक्षक विकास कुमार पांडेय ने हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।
एसआईटी ने तेजी से जांच करते हुए हत्या में शामिल आरोपियों को दबोच लिया।
SIT टीम में शामिल अधिकारी:
✔ एएसपी अभियान रित्विक श्रीवास्तव
✔ चतरा एसडीपीओ संदीप सुमन
✔ प्रशिक्षु डीएसपी वसीम रजा
✔ सदर थाना प्रभारी विपिन कुमार
✔ पुलिस अवर निरीक्षक कुमार गौतम, मनीष कुमार, अभय कुमार
झारखंड में बढ़ते आपराधिक मामले!
चतरा जिले में अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हाल के वर्षों में छोटे झगड़ों और आपसी रंजिश के चलते कई हत्याएं हो चुकी हैं।
क्या कहती है रिपोर्ट?
झारखंड में 2018 से 2024 के बीच 2,000 से ज्यादा हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं।
अधिकांश मामले आपसी रंजिश और झगड़ों के कारण हुए हैं।
क्या पुलिस रोक पाएगी ऐसे अपराध?
इस मामले के खुलासे के बाद अब बड़ा सवाल यह है कि क्या झारखंड पुलिस ऐसे अपराधों पर लगाम लगा पाएगी?
आपकी राय?
क्या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कानून की जरूरत है? नीचे कमेंट करें और अपनी राय दें!
What's Your Reaction?






