छठ पूजा का पावन पर्व - डॉ ऋषिका वर्मा
सूरज की किरणों में है उजियारा, छठी मैया का ये पावन नजारा। भोर की पहली लाली के संग, मनाती हैं मइयां सब मिलकर। ...
छठ पूजा का पावन पर्व
सूरज की किरणों में है उजियारा,
छठी मैया का ये पावन नजारा।
भोर की पहली लाली के संग,
मनाती हैं मइयां सब मिलकर।
नदी किनारे सजती आराधना,
छठ का पर्व है आस्था का गहना।
कठिन व्रत, श्रद्धा से है भरा,
सूरज को अर्घ्य देकर है सवेरा खिला।
सूप में ठेकुआ, फल-फूल का समर्पण,
धूप में तपते, करते हैं अर्पण।
चार दिनों का ये कठिन तपस्या,
सूर्य देव की करते हैं आराधना।
माँगते हैं सुख-शांति और संतान का वरदान,
छठी मैया पूरी करें हर अरमान।
धन-धान्य से भर जाए हर द्वार,
छठ पूजा का ये प्रेम अपार।
नमन है इस पवित्र छठी माई को,
जो संजोए रखे हमारे विश्वास की धारा को।
धरती, सूरज और जल का ये संगम,
छठ पूजा का पावन है शुभ और मंगल।
स्वरचित कविता
डॉ ऋषिका वर्मा
गढ़वाल उत्तराखंड
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