Chandra Grahan 2025: भादो पूर्णिमा पर लगेगा चंद्र ग्रहण, बाबा बैद्यनाथ मंदिर में 6 बजे के बाद क्यों बंद हो जाएगा जलार्पण?

07 सितंबर 2025, रविवार को भादो पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगेगा। ग्रहण का सूतक दोपहर 12:19 बजे से शुरू होगा। देवघर बाबा बैद्यनाथ धाम में शाम 6 बजे के बाद जलार्पण बंद रहेगा। जानिए पूरी जानकारी।

Sep 5, 2025 - 18:15
Sep 5, 2025 - 18:15
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Chandra Grahan 2025: भादो पूर्णिमा पर लगेगा चंद्र ग्रहण, बाबा बैद्यनाथ मंदिर में 6 बजे के बाद क्यों बंद हो जाएगा जलार्पण?
Chandra Grahan 2025: भादो पूर्णिमा पर लगेगा चंद्र ग्रहण, बाबा बैद्यनाथ मंदिर में 6 बजे के बाद क्यों बंद हो जाएगा जलार्पण?

इस वर्ष भादो पूर्णिमा पर विशेष खगोलीय घटना घटने वाली है। 07 सितंबर की रात को चंद्र ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण रात 9:56 बजे से आरंभ होकर 1:28 बजे तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण से पहले सूतक काल दोपहर 12:19 बजे से ही शुरू हो जाएगा, जो ग्रहण की समाप्ति तक प्रभावी रहेगा।

देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में इस ग्रहण का विशेष असर देखने को मिलेगा। परंपरा के अनुसार, ग्रहण लगने से पहले मंदिर में पूजा-पाठ और जलार्पण रोक दिया जाता है। इसी कारण मंदिर प्रबंधन ने घोषणा की है कि 07 सितंबर को शाम 6 बजे के बाद जलार्पण बंद कर दिया जाएगा।

मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे धार्मिक परंपराओं और ज्योतिषीय मान्यताओं का सम्मान करते हुए नियमों का पालन करें। ग्रहण काल और उसके पूर्व निर्धारित समय सीमा का पालन करना अनिवार्य है।

ग्रहण की समाप्ति के बाद मंदिर में शुद्धिकरण की प्रक्रिया की जाएगी। इसके उपरांत ही नियमित पूजा-पाठ और जलार्पण दोबारा शुरू होगा।

स्थानीय प्रशासन और मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं से शांति एवं अनुशासन बनाए रखने की अपील की है। इस दौरान मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की जाएगी ताकि बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।

पंडितों और ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, चंद्र ग्रहण का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। सूतक काल के दौरान मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं और किसी भी प्रकार की विशेष पूजा-अर्चना वर्जित रहती है। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान, दान और शुद्धिकरण का महत्व बताया गया है।

भक्तों का मानना है कि बाबा बैद्यनाथ के दरबार में नियमों का पालन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और ग्रहण के दोषों से मुक्ति मिलती है।

इस प्रकार, आने वाली भादो पूर्णिमा न केवल खगोलीय दृष्टि से खास होगी, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण दिन साबित होगी।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।