Chakulia Tiger Sighting : बाघिन के विचरण से गांवों में मचा हड़कंप, सुरक्षा के लिए लागू किया गया बीएनएसएस-163

चाकुलिया में ओड़िशा से आई बाघिन के विचरण से इलाके में मचा हड़कंप, बीएनएसएस-163 लागू कर ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई।

Dec 11, 2024 - 20:45
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Chakulia Tiger Sighting : बाघिन के विचरण से गांवों में मचा हड़कंप, सुरक्षा के लिए लागू किया गया बीएनएसएस-163
Chakulia Tiger Sighting : बाघिन के विचरण से गांवों में मचा हड़कंप, सुरक्षा के लिए लागू किया गया बीएनएसएस-163

11 दिसंबर 2024: ओड़िशा के सिमलीपाल से गुड़ाबांदा होते हुए चाकुलिया पहुंची बाघिन ने इलाके में दहशत फैला दी है। बाघिन के चियाबांधी, पांड्राशोली, धधीका और खड़बंधा गांवों के जंगलों में विचरण करने की सूचना के बाद प्रशासन ने सुरक्षा के लिए बीएनएसएस-163 लागू कर दिया है। इस आदेश से स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों को आगाह किया है कि बाघिन की गतिविधियों के चलते उनके लिए खतरा पैदा हो सकता है।

बाघिन का चाकुलिया में प्रवेश

सिमलीपाल से गुड़ाबांदा होते हुए चाकुलिया में पहुंची बाघिन ने वन्यजीवों के संरक्षण और मानव सुरक्षा को लेकर चिंताओं को जन्म दिया है। बाघिन के इस विचरण से इलाके में एक अजीब सी बेचैनी फैल गई है। खासकर, चियाबांधी, पांड्राशोली, धधीका और खड़बंधा जैसे गांव, जो जंगलों के समीप स्थित हैं, इन इलाकों के ग्रामीणों के लिए खासतौर से खतरे की बात है।

प्रशासन ने क्या कदम उठाए?

वन प्रमंडल पदाधिकारी जमशेदपुर की सूचना पर अनुमंडल पदाधिकारी सह अनुमंडल दंडाधिकारी सुनील चन्द्र ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बीएनएसएस-163 लागू किया है। एसडीओ ने बताया कि बाघिन से जान-माल के नुकसान की संभावना को देखते हुए इन गांवों में ग्रामीणों के अवागमन पर रोक लगाई गई है।

बीएनएसएस-163 क्या है?

बीएनएसएस-163, जिसे 'वन्यजीव सुरक्षा प्रोटोकॉल' भी कहा जाता है, एक प्रकार का आदेश है जो वन्य जीवों द्वारा संभावित खतरे के मामलों में लागू किया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और वन्य जीवों के साथ संघर्ष को रोकना होता है। इस आदेश के तहत प्रभावित क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाती है, और वन्य जीवों की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है।

ग्रामीणों को दिए गए निर्देश

एसडीओ ने इस संबंध में एक पत्र जारी कर कहा कि बाघिन और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए इन स्थानों पर ग्रामीणों के अवागमन को प्रतिबंधित किया गया है। पत्र में यह भी बताया गया कि आदेश को चाकुलिया प्रखंड और अंचल पदाधिकारी, नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी, चाकुलिया थाना, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी और अपर जिला दंडाधिकारी तक पहुंचाया गया है।

क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से की गई तैयारियां

चाकुलिया प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए थाना और पुलिस पदाधिकारी को आदेश दिए हैं कि वे इन गांवों में निगरानी रखें और ग्रामीणों को बाघिन के संभावित खतरे से अवगत कराएं। इसके अलावा, वन्यजीव विभाग की टीमों को भी तैयार रखा गया है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में वे तुरंत कार्रवाई कर सकें।

इतिहास में बाघों की मौजूदगी

चाकुलिया और आसपास के इलाकों में बाघों की मौजूदगी एक समय में सामान्य बात थी। इन क्षेत्रों में जंगलों का विस्तार और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए कई प्रयास किए गए हैं। हालांकि, हाल के वर्षों में बाघों के विचरण के मामले थोड़े दुर्लभ हो गए थे, लेकिन इस बार बाघिन के लौटने से स्थानीय लोग एक बार फिर सतर्क हो गए हैं।

आगे की राह

इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने चेतावनी जारी की है कि ग्रामीण पूरी सतर्कता बरतें और बाघिन की गतिविधियों से खुद को दूर रखें। वन्य जीवों के संरक्षण और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए प्रशासन की ओर से किए गए ये उपाय बेहद जरूरी हैं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।