Dubai Investment Boom: भारत बना दुबई का सबसे बड़ा निवेशक, 2024 में रिकॉर्डतोड़ FDI से नई ऊंचाई पर पहुंचा संबंध!

भारत दुबई का सबसे बड़ा विदेशी निवेशक बन गया! 2024 में $3.018 अरब का रिकॉर्ड निवेश। जानिए किन क्षेत्रों में भारत का पैसा बहा और क्यों बढ़ रहे हैं भारत-दुबई के आर्थिक संबंध?

Mar 11, 2025 - 20:48
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Dubai Investment Boom: भारत बना दुबई का सबसे बड़ा निवेशक, 2024 में रिकॉर्डतोड़ FDI से नई ऊंचाई पर पहुंचा संबंध!
Dubai Investment Boom: भारत बना दुबई का सबसे बड़ा निवेशक, 2024 में रिकॉर्डतोड़ FDI से नई ऊंचाई पर पहुंचा संबंध!

भारत ने 2024 में दुबई में निवेश का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने इस साल अमीरात में 3.018 अरब डॉलर का निवेश किया, जो 2023 में 589 मिलियन डॉलर था। यह सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि भारत और दुबई के बीच गहराते आर्थिक संबंधों की कहानी है। इस ऐतिहासिक निवेश के साथ भारत दुबई का सबसे बड़ा विदेशी निवेशक बन गया है, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए।

भारत की हिस्सेदारी सबसे अधिक, अमेरिका-फ्रांस पिछड़े!

दुबई अर्थव्यवस्था और पर्यटन विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में दुबई में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का 21.5% भारत से आया। भारत के बाद अमेरिका (13.7%), फ्रांस (11%), ब्रिटेन (10%) और स्विट्जरलैंड (6.9%) का स्थान रहा।

रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रीनफील्ड FDI परियोजनाओं की संख्या 2023 की तुलना में 73.5% तक बनी रही। वहीं, पुनर्निवेश FDI परियोजनाओं में भी तेजी आई, जो 2023 में 1.2% थी, 2024 में बढ़कर 3.3% हो गई। इससे दुबई में भारतीय FDI परियोजनाओं की संख्या भी 249 से बढ़कर 275 हो गई। इस बढ़ोतरी के साथ, भारत की रैंकिंग तीसरे स्थान से सीधे दूसरे स्थान पर पहुंच गई।

किन क्षेत्रों में बह रहा भारतीय पैसा?

भारत का निवेश व्यवसाय सेवाओं (26.9%), सॉफ्टवेयर और आईटी (23.6%), उपभोक्ता उत्पाद (9.8%), खाद्य और पेय पदार्थ (8.4%) और रियल एस्टेट (6.9%) जैसे प्रमुख क्षेत्रों में केंद्रित रहा। यह दिखाता है कि भारतीय कंपनियां दुबई में लंबी अवधि के निवेश की रणनीति बना रही हैं।

दुबई ने भी तोड़ा रिकॉर्ड, निवेशकों की पहली पसंद बनी अमीरात!

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि दुबई ने 2024 में कुल 14.24 अरब डॉलर का FDI आकर्षित किया, जो 2023 के 10.69 अरब डॉलर से 33.2% अधिक है। यह 2020 के बाद का सबसे बड़ा वार्षिक FDI आंकड़ा है।

इतना ही नहीं, दुबई ने इस साल 1,117 ग्रीनफील्ड FDI परियोजनाएं भी आकर्षित कीं, जो इसके इतिहास में सबसे ज्यादा हैं। दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने कहा,
"दुबई लगातार चौथे साल दुनिया में ग्रीनफील्ड FDI के लिए नंबर 1 गंतव्य बना है। यह हमारी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और निवेशकों की पसंदीदा जगह बनने की क्षमता का प्रमाण है।"

क्या है ग्रीनफील्ड FDI और क्यों है यह महत्वपूर्ण?

ग्रीनफील्ड FDI का मतलब होता है कि कोई विदेशी कंपनी नए प्रोजेक्ट्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए सीधा निवेश करती है। यह दुबई जैसे तेजी से बढ़ते शहरों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इससे रोजगार बढ़ता है और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।

भारत-दुबई निवेश संबंधों का सुनहरा दौर!

भारत और दुबई के बीच आर्थिक संबंध पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़े हैं। 2024 में भारत से दुबई का व्यापार $85 बिलियन तक पहुंच गया, जो दुबई के कुल वैश्विक व्यापार का 10% से अधिक है।

भारत के व्यापार और उद्योग मंत्रालय के अनुसार,
"दुबई हमेशा से भारतीय निवेशकों के लिए पसंदीदा स्थान रहा है। अब यह संबंध और मजबूत हो रहा है, जिससे दोनों देशों को भारी लाभ होगा।"

दुबई में भारत का बढ़ता निवेश यह संकेत देता है कि भारतीय कंपनियां अब वैश्विक स्तर पर बड़े खिलाड़ी बन रही हैं। दुबई की रणनीतिक लोकेशन, बिजनेस-फ्रेंडली माहौल और टैक्स बेनेफिट्स इसे भारत के लिए एक आकर्षक निवेश गंतव्य बना रहे हैं।

आने वाले वर्षों में यह निवेश और बढ़ सकता है, जिससे भारत और दुबई के आर्थिक संबंध नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।