India EV Boom: इलेक्ट्रिक व्हीकल की धुआंधार ग्रोथ! 5 बड़े बदलाव जो सबको चौंका देंगे

भारत में EV इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ रही है! 2024 में EV की हिस्सेदारी बढ़कर 2% हो गई, और 2030 तक यह एक-तिहाई हो सकती है। जानिए 5 बड़े बदलाव जो इस सेक्टर को बदल रहे हैं।

Mar 13, 2025 - 20:42
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India EV Boom: इलेक्ट्रिक व्हीकल की धुआंधार ग्रोथ! 5 बड़े बदलाव जो सबको चौंका देंगे
India EV Boom: इलेक्ट्रिक व्हीकल की धुआंधार ग्रोथ! 5 बड़े बदलाव जो सबको चौंका देंगे

रांची: भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) इंडस्ट्री लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें, प्रदूषण नियंत्रण और सरकार की नीतियों के चलते यह सेक्टर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को नए सिरे से परिभाषित कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में EV की मांग में जबरदस्त उछाल आया है, जिससे भारतीय सड़कों पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

लेकिन यह बदलाव इतना तेज़ी से कैसे हो रहा है? और किन वजहों से भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर लोग ज्यादा जागरूक हो रहे हैं? आइए जानते हैं इस सेक्टर से जुड़े 5 बड़े बदलाव, जो भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को भविष्य की ओर ले जा रहे हैं।

1. EV इंडस्ट्री की ग्रोथ ने सबको चौंकाया!

2016 में भारत में EV पैसेंजर व्हीकल की हिस्सेदारी सिर्फ 0.03% थी, लेकिन 2024 तक यह 2% तक पहुंच चुकी है। अनुमान है कि 2025 तक 4% और 2030 तक एक-तिहाई भारतीय कारें इलेक्ट्रिक हो सकती हैं। भारत की EV इंडस्ट्री 150% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ रही है, जो दर्शाता है कि भविष्य में यह सेक्टर पारंपरिक ईंधन आधारित वाहनों को पीछे छोड़ सकता है।

2. MG Motor की धमाकेदार एंट्री, टाटा को दे रही टक्कर!

EV मार्केट में टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (TPEM) 61% मार्केट शेयर के साथ अभी भी सबसे आगे है, लेकिन MG Motor जैसी कंपनियां तेजी से उभर रही हैं। JSW MG Motor India ने 2024 में 98% ग्रोथ दर्ज की और इसकी बिक्री 29,035 यूनिट्स तक पहुंच गई। ऐसे में आने वाले सालों में EV मार्केट में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी, जिससे उपभोक्ताओं को और बेहतर ऑप्शन्स मिलेंगे।

3. EV खरीदने पर भारी बचत, कई राज्यों में RTO शुल्क 0%

भारत सरकार और कई राज्य सरकारें EV खरीदने को बढ़ावा देने के लिए RTO शुल्क में छूट दे रही हैं। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, गोवा, चंडीगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में EV के रजिस्ट्रेशन पर कोई शुल्क नहीं लगता। वहीं, गुजरात (6%), हरियाणा (2.5%), केरल (5%) और पश्चिम बंगाल (₹25,000) अभी भी कुछ शुल्क ले रहे हैं। यह छूट EV खरीद को और आकर्षक बना रही है, जिससे अधिक लोग पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की बजाय इलेक्ट्रिक गाड़ियों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

4. 2028 तक 50+ नए EV मॉडल्स और 9 लाख यूनिट्स की बिक्री का अनुमान

विशेषज्ञों का मानना है कि 2028 तक 50 से अधिक नए इलेक्ट्रिक व्हीकल मॉडल भारतीय बाजार में लॉन्च किए जाएंगे, जिससे हर साल EV की बिक्री 9 लाख यूनिट्स से अधिक हो सकती है। यह न केवल भारत में EV मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देगा, बल्कि देश को हरित भविष्य की ओर भी ले जाएगा।

5. बैटरी टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता से घटेगी EV की कीमत

EV की सबसे बड़ी लागत बैटरी होती है। अब भारत में स्थानीय बैटरी निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे EV की कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है। इसके अलावा, सरकार FAME (Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles) योजना के तहत EV को और सस्ता बनाने के लिए कई कदम उठा रही है। जल्द ही भारतीय उपभोक्ता कम कीमत में हाई-परफॉर्मेंस इलेक्ट्रिक कारें खरीद सकेंगे।

EV इंडस्ट्री का भविष्य: क्या पेट्रोल-डीजल को कह देंगे अलविदा?

भारत में EV की बढ़ती लोकप्रियता यह संकेत देती है कि आने वाले सालों में पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की बिक्री में भारी गिरावट देखने को मिलेगी। सरकार और ऑटो कंपनियों की पहल से EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से विकसित हो रहा है, जिससे चार्जिंग की समस्या भी जल्द खत्म हो जाएगी।

भारतीय उपभोक्ताओं का झुकाव अब पर्यावरण के अनुकूल, किफायती और हाई-टेक इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ओर बढ़ रहा है। आने वाले समय में EV इंडस्ट्री भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर का नया चेहरा बनने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।