Chakulia Alert: हाथी आया, NH किनारे गजराज का डेरा, नयाग्राम में मचा हड़कंप, ग्रामीणों ने खदेड़ा
चाकुलिया के नयाग्राम में शनिवार की सुबह एक विशाल जंगली हाथी नेशनल हाईवे के किनारे पहुँच गया जिससे पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई। ग्रामीणों ने अपनी जान जोखिम में डालकर हाथी को जंगल की ओर खदेड़ा है, लेकिन बस्ती के पास हाथी की मौजूदगी से मौत का साया मंडरा रहा है। वन विभाग की सुस्ती और ग्रामीणों के बढ़ते खौफ की पूरी हकीकत यहाँ दी गई है।
चाकुलिया/जमशेदपुर, 20 दिसंबर 2025 – झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले का चाकुलिया प्रखंड एक बार फिर 'गजराज' के आतंक से थर्रा उठा है। शनिवार की सुबह श्यामसुंदरपुर थाना क्षेत्र के नयाग्राम के पास उस वक्त सनसनी फैल गई, जब एक विशाल जंगली हाथी सीधे नेशनल हाईवे (NH) के किनारे पहुँच गया। सड़क के इतने करीब हाथी को देखकर राहगीरों और ग्रामीणों के हाथ-पांव फूल गए। देखते ही देखते मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। हालांकि, ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए हाथी को पास के जंगल में खदेड़ दिया है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।
इतिहास: चाकुलिया और हाथियों का 'धान का कटोरा' संघर्ष
चाकुलिया को ऐतिहासिक रूप से झारखंड का 'धान का कटोरा' कहा जाता है। यहाँ की उपजाऊ जमीन और धान की खुशबू दशकों से दलमा के हाथियों को अपनी ओर खींचती रही है। $1980$ के दशक के बाद से जैसे-जैसे जंगलों का दायरा सिमटा, हाथियों ने इंसानी बस्तियों का रुख करना शुरू कर दिया। नयाग्राम और श्यामसुंदरपुर का इलाका हाथियों के पारंपरिक भ्रमण पथ (Migratory Path) पर स्थित है। इतिहास गवाह है कि चाकुलिया में फसल कटाई के सीजन में हाथी और इंसान के बीच का संघर्ष हिंसक मोड़ ले लेता है, जिसमें अब तक दर्जनों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
NH किनारे 'यमराज' की दस्तक: सुबह-सुबह मची अफरातफरी
शनिवार की सुबह नयाग्राम के लोगों के लिए किसी डरावने सपने जैसी थी। हाईवे के किनारे झाड़ियों के बीच अचानक हाथी की चिंघाड़ सुनाई दी।
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ग्रामीणों का साहस: हाथी को गांव की ओर बढ़ता देख सैकड़ों ग्रामीण लाठी-डंडे और शोर मचाते हुए सड़क पर उतर आए। ग्रामीणों ने एकजुट होकर हाथी को चारों तरफ से घेरा और उसे सुरक्षित दूरी पर जंगल की ओर खदेड़ने में कामयाबी हासिल की।
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सड़क पर जाम की स्थिति: हाईवे के किनारे हाथी के होने की वजह से कुछ देर के लिए एनएच पर वाहनों की रफ्तार भी थम गई थी। लोग अपनी गाड़ियों की खिड़कियां बंद कर हाथी के दूर जाने का इंतजार करते दिखे।
बस्ती से सटा जंगल और मौत का साया
हाथी फिलहाल गांव से सटे जंगल में ही डेरा डाले हुए है। ग्रामीणों का कहना है कि शाम ढलते ही हाथी फिर से रिहायशी इलाकों का रुख कर सकता है।
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फसल और जान का खतरा: नयाग्राम के किसान इस बात से डरे हुए हैं कि हाथी उनके घरों को नुकसान पहुँचा सकता है या खलिहानों में रखी फसल को चट कर सकता है।
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प्रशासन से गुहार: ग्रामीणों ने वन विभाग के पदाधिकारियों से कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए मांग की है कि हाथी को तत्काल वहां से खदेड़कर किसी सुरक्षित और दूरस्थ जंगल (Elephant Habitat) में पहुँचाया जाए।
चाकुलिया हाथी मूवमेंट: मुख्य बिंदु
| विवरण | जानकारी |
| स्थान | नयाग्राम (श्यामसुंदरपुर थाना क्षेत्र) |
| प्रवेश का समय | शनिवार सुबह |
| हाथी की स्थिति | गांव से सटे जंगल में मौजूद |
| प्रमुख चिंता | एनएच की निकटता और घनी आबादी |
| ग्रामीणों की मांग | हाथियों के दस्ते (Elephant Squad) की तैनाती |
वन विभाग की भूमिका पर सवाल
चाकुलिया के ग्रामीणों में वन विभाग के खिलाफ गहरी नाराजगी है। लोगों का आरोप है कि सूचना देने के बावजूद विभाग की टीम समय पर नहीं पहुँचती, जिससे ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर खुद हाथी खदेड़ना पड़ता है। "अगर हाथी किसी पर हमला कर देता है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?" यह सवाल आज नयाग्राम के हर घर में गूंज रहा है।
सतर्कता ही बचाव का एकमात्र रास्ता
फिलहाल नयाग्राम और आसपास के टोलों में 'हाई अलर्ट' जैसी स्थिति है। ग्रामीण रात भर जागकर पहरा देने की तैयारी कर रहे हैं। प्रशासन की सुस्ती के बीच ग्रामीण मशालों और पटाखों के भरोसे अपनी सुरक्षा कर रहे हैं। जब तक विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठाता, चाकुलिया का यह इलाका दहशत की आग में जलता रहेगा।
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