Chakradharpur Violence: दुर्गा पूजा विसर्जन में खूनी हमला! 15 हमलावरों ने 7 युवकों को चाकू मारा
पश्चिमी सिंहभूम के चक्रधरपुर में दुर्गा पूजा विसर्जन जुलूस के दौरान लगभग 15 हमलावरों ने हरिजन बस्ती के 7 युवकों पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया। एक युवक (रिक्की मुखी) की हालत गंभीर है। थाना के पास हुई इस घटना से इलाके में आक्रोश, पुलिस 12 घंटे बाद भी खाली हाथ।

पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर में दुर्गा पूजा विसर्जन के पावन अवसर पर एक दिल दहला देने वाली चाकूबाजी की घटना सामने आई है। भक्ति और उल्लास के माहौल में हुई इस खूनी वारदात ने पूरे इलाके में मातम और दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। यह हमला न केवल दुर्गा पूजा की खुशियों पर एक काला धब्बा है, बल्कि इसने थाना के ठीक पास हुई घटना को लेकर पुलिस प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विसर्जन जुलूस, जो सामुदायिक एकता और सौहार्द का प्रतीक होता है, उस पर किया गया यह हमला असामाजिक तत्वों की बढ़ती गुंडागर्दी को दर्शाता है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि त्यौहारों के दौरान भीड़ भरे इलाकों में पुलिस की चौकसी कितनी आवश्यक है।
थाना के पास 15 युवकों का जानलेवा हमला
यह भयावह घटना चक्रधरपुर थाना के बिल्कुल पास हुई, जब हरिजन बस्ती के दुर्गा पूजा पंडाल का विसर्जन जुलूस गुजर रहा था। जानकारी के अनुसार, जुलूस में शामिल युवकों पर तक़रीबन 15 की संख्या में हमलावर युवकों ने अचानक धावा बोल दिया।
हमलावर धारदार चाकुओं से लैस थे और उन्होंने हरिजन बस्ती के सात युवकों पर जानलेवा और ताबड़तोड़ वार किए।
-
पीड़ित: इस हमले में ध्रुव मुखी, गोविंदा मुखी, दिनेश मुखी, रिक्की मुखी, अतुल मुखी, अमन मुखी और अजय मुखी गंभीर रूप से घायल हो गए।
-
गंभीर हालत: घायलों में से रिक्की मुखी नामक युवक की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया है।
चाकूबाजी की इस वारदात से जुलूस में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और हमलावर युवक मौके से भाग खड़े हुए।
पुलिस पर उठे गंभीर सवाल
घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को इलाज के लिए चक्रधरपुर के रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया। घायलों ने पुलिस को हमलावरों की पहचान भी बताई है, जिससे पुलिस के पास कार्रवाई के लिए स्पष्ट सुराग है।
हालांकि, थाना के इतने करीब हुई इतनी बड़ी वारदात से पुलिस की गश्त और खुफिया तंत्र पर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं:
-
पुलिस की निष्क्रियता: विसर्जन जुलूस जैसे संवेदनशील मौके पर थाना के पास इतनी बड़ी संख्या में हमलावर कैसे इकट्ठा हुए और हमला करके भागने में सफल रहे?
-
आक्रोश और गुस्सा: घटना के 12 घंटे बाद भी पुलिस ने किसी भी हमलावर को गिरफ्तार नहीं किया है, जिससे हरिजन बस्ती के लोगों में गुस्सा और आक्रोश है।
हरिजन बस्ती के लोग बड़ी संख्या में रेलवे अस्पताल में मौजूद रहे और पुलिस से हमलावरों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने हमलावरों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है।
What's Your Reaction?






