Chaibasa Murder: खपरैल बिक्री के विवाद में देवर ने भाभी का गला दबाया, पुलिस ने किया गिरफ्तार!
चाईबासा के पोखरपी गांव में खपरैल बिक्री को लेकर पारिवारिक विवाद इतना बढ़ गया कि बड़े भाई ने अपनी ही भाभी की गला दबाकर हत्या कर दी! पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जानिए पूरा मामला।

झारखंड के चाईबासा जिले के जेटेया थाना क्षेत्र के पोखरपी गांव से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। महज घर की छत पर लगी खपरैल बिक्री के विवाद में एक महिला की जान चली गई।
52 वर्षीय सुरू कुई लागुरी की गला दबाकर हत्या कर दी गई, और यह खौफनाक कृत्य किसी और ने नहीं, बल्कि उसके ही देवर डुरसु लागुरी ने अंजाम दिया।
घटना से गांव में सनसनी फैल गई, और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
कैसे हुआ विवाद?
मृतका की बेटी आशा लागुरी ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसके पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी।
- शनिवार को उसकी मां ने घर के खपरैल को किसी दूसरे व्यक्ति को बेच दिया था।
- जब इसकी खबर उसके बड़े पिता (देवर) डुरसु लागुरी को मिली, तो उन्होंने इसका विरोध किया।
- दिन में मां-बेटी के साथ मारपीट हुई, लेकिन शाम को मामला और बिगड़ गया।
- डुरसु लागुरी ने पहले बुरी तरह पीटा और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
खपरैल की बिक्री और पारिवारिक विवाद: झारखंड में क्यों बढ़ रहे ऐसे मामले?
झारखंड में संपत्ति विवाद और पारिवारिक झगड़े आम होते जा रहे हैं। खासकर गांवों में जायदाद के छोटे-छोटे मामलों पर खूनी संघर्ष होने लगे हैं।
- पिछले साल भी चाईबासा में एक शख्स ने जमीन विवाद में अपने ही भाई को मार डाला था।
- खपरैल और अन्य पारंपरिक घरों के हिस्सों की बिक्री को लेकर अक्सर परिवारों में मतभेद हो जाते हैं।
- गांवों में कानून-व्यवस्था कमजोर होने के कारण अक्सर ये विवाद हिंसा का रूप ले लेते हैं।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी?
पुलिस ने आरोपी डुरसु लागुरी को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
- गांव के अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।
- आरोपी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है।
गांववालों में डर का माहौल
पोखरपी गांव के लोगों का कहना है कि डुरसु लागुरी पहले भी हिंसक व्यवहार करता था।
- गांव के मुखिया का कहना है कि इस तरह के पारिवारिक विवाद सुलझाने के लिए पंचायत को और सख्ती दिखानी होगी।
- स्थानीय प्रशासन को भी इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।
क्या मिलेगा मृतका के परिवार को न्याय?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या सुरू कुई लागुरी के परिवार को न्याय मिलेगा?
- क्या इस तरह की हिंसक घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून बनाया जाएगा?
- क्या पारिवारिक विवाद को सुलझाने के लिए गांवों में काउंसलिंग की जरूरत है?
आपका क्या कहना है?
क्या आपको लगता है कि झारखंड में पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए कड़े कानूनों की जरूरत है? कमेंट में अपनी राय जरूर दें!
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