Bokaro Fraud: मंईयां सम्मान योजना में फर्जीवाड़ा, 94-95 बार एक ही बैंक अकाउंट से आवेदन!

मंईयां सम्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। एक ही बैंक अकाउंट से 94-95 बार आवेदन कर लाभ उठाने वाले लोगों का मामला सामने आया है। जानें पूरी कहानी और प्रशासन की कार्रवाई।

Jan 31, 2025 - 14:44
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Bokaro Fraud: मंईयां सम्मान योजना में फर्जीवाड़ा, 94-95 बार एक ही बैंक अकाउंट से आवेदन!
Bokaro Fraud: मंईयां सम्मान योजना में फर्जीवाड़ा, 94-95 बार एक ही बैंक अकाउंट से आवेदन!

झारखंड की मंईयां सम्मान योजना में एक के बाद एक फर्जीवाड़े की घटनाएं सामने आ रही हैं। अब एक नया मामला बोकारो जिले से सामने आया है, जहां एक ही बैंक अकाउंट का इस्तेमाल कर 94 बार मंईयां सम्मान योजना के आवेदन किए गए। यह फर्जीवाड़ा झारखंड की महिलाओं का हक मारने का एक और उदाहरण बन चुका है, जिसमें बंगाल के लोग भी शामिल हैं। सूफनी खातून और यूसुफ जैसे नाम अब इस घोटाले से जुड़े हुए हैं, जिन्होंने फर्जी तरीके से आवेदन करके इस योजना का लाभ उठाने की कोशिश की।

मंईयां सम्मान योजना में फर्जीवाड़ा

मंईयां सम्मान योजना झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य राज्य के गरीब और वंचित वर्ग को आवास सुविधा प्रदान करना है। लेकिन इस योजना के तहत कई जगहों पर फर्जीवाड़े की खबरें सामने आई हैं। बोकारो जिले में अब तक हुए भौतिक सत्यापन में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि एक ही बैंक अकाउंट से 94 बार आवेदन किया गया है। और यह सब हुआ है पश्चिम बंगाल के लोगों द्वारा, जो झारखंड की महिलाओं का हक मार रहे हैं।

सूफनी खातून और यूसुफ का मामला

इसी तरह का एक मामला पहले यूसुफ के साथ भी सामने आया था, जिसमें एक ही बैंक अकाउंट से 95 आवेदन किए गए थे। अब सूफनी खातून के मामले में भी एक ही बैंक अकाउंट से 94 आवेदन किए गए हैं। सूफनी खातून का खाता इंडसइंड बैंक में है, और उनके खाता नंबर 100253493007 से 94 अलग-अलग आवेदन किए गए हैं। यह सभी आवेदन झारखंड के पलामू जिले के सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) से किए गए थे।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

यह फर्जीवाड़ा कैसे हुआ, इसकी जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। हर एक आवेदन में राशन कार्ड नंबर भी फर्जी पाया गया। इन फर्जी आवेदनों में कई नामों के साथ उपनाम जैसे मुर्मू, हांसदा, और मंडल जोड़े गए थे। यह आवेदन 31 अक्टूबर और 1 नवंबर 2024 को किए गए थे, और इनमें से कई आवेदन चंदनकियारी, कसमार, बेरमो, गोमिया, चास और नावाडीह जैसे इलाकों से किए गए थे। इन सभी सीएससी आइडी से फर्जी आवेदन किए गए थे।

बैंक खातों का दुरुपयोग

अब तक हुए सत्यापन में यह खुलासा हुआ है कि 11 सरकारी और निजी बैंकों के 50 बैंक खातों का बार-बार उपयोग किया गया है। इन खातों का इस्तेमाल एक ही योजना के तहत कई बार किया गया है। इसमें से कुछ खातों का इस्तेमाल 96 बार, 90 बार, और 80 बार हुआ है। यह साफ तौर पर फर्जीवाड़े की गंभीरता को दर्शाता है।

प्रशासन की कार्रवाई

जब प्रशासन को इस फर्जीवाड़े का पता चला, तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई शुरू की। बोकारो जिले की उपायुक्त विजया जाधव ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करवाई और संबंधित खातों में योजना की राशि के हस्तांतरण पर रोक लगा दी। इसके अलावा, इस घोटाले में शामिल सीएससी ऑपरेटरों को भी चिह्नित किया गया है। प्रशासन ने अब सभी फर्जी आवेदनों की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों को सजा देने की प्रक्रिया शुरू की है।

क्या है मंईयां सम्मान योजना?

मंईयां सम्मान योजना झारखंड सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य के गरीब और वंचित वर्ग के लोगों को सस्ते दरों पर आवास प्रदान करना है। इस योजना के तहत, लाभार्थियों को मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। यह योजना उन लोगों के लिए है जो अपने घरों को लेकर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। लेकिन इस योजना का फर्जीवाड़ा अब सरकार के लिए चुनौती बन चुका है।

यह फर्जीवाड़ा मंईयां सम्मान योजना के उद्देश्य को ही खत्म कर रहा है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि सही लोग इस योजना का लाभ उठा सकें। झारखंड सरकार को इस योजना की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए और भी कड़े कदम उठाने होंगे।

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