Bhojpur Murder: खूनी लालच, हवलदार पिता का कातिल निकला अपना ही बेटा, नौकरी और जमीन के लिए रेत डाला गला, चांदी थाना पुलिस का बड़ा खुलासा

भोजपुर के भगवतपुर में छुट्टी पर आए झारखंड पुलिस के हवलदार पशुपतिनाथ तिवारी की नृशंस हत्या का सच जानकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। सरकारी नौकरी और दो बीघा जमीन के लालच में सगे बेटे ने अपने दोस्त के साथ मिलकर जिस तरह इस खूनी साजिश को अंजाम दिया, उसकी पूरी रोंगटे खड़े कर देने वाली हकीकत यहाँ दी गई है।

Dec 26, 2025 - 16:29
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Bhojpur Murder: खूनी लालच, हवलदार पिता का कातिल निकला अपना ही बेटा, नौकरी और जमीन के लिए रेत डाला गला, चांदी थाना पुलिस का बड़ा खुलासा
Bhojpur Murder: खूनी लालच, हवलदार पिता का कातिल निकला अपना ही बेटा, नौकरी और जमीन के लिए रेत डाला गला, चांदी थाना पुलिस का बड़ा खुलासा

भोजपुर, 26 दिसंबर 2025 – बिहार के भोजपुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पिता-पुत्र के पवित्र रिश्ते को लहूलुहान कर दिया है। चांदी थाना क्षेत्र के भगवतपुर गांव में हुई झारखंड पुलिस के हवलदार पशुपतिनाथ तिवारी की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। इस हत्याकांड का जो सच सामने आया है, उसने न केवल पुलिस को बल्कि पूरे समाज को स्तब्ध कर दिया है। पशुपतिनाथ तिवारी का कातिल कोई बाहरी दुश्मन नहीं, बल्कि उनका अपना बेटा विशाल तिवारी निकला। महज नौकरी, जमीन और पैसों की हवस ने एक बेटे को अपने ही पिता का जल्लाद बना दिया।

19 दिसंबर की वो खौफनाक रात: सन्नाटे में हुई हत्या

झारखंड के हजारीबाग पीसीआर शाखा में चालक (हवलदार) के पद पर तैनात पशुपतिनाथ तिवारी अगले साल 31 जनवरी 2026 को रिटायर होने वाले थे। वे छुट्टी लेकर अपने गांव भगवतपुर आए थे, ताकि परिवार के साथ समय बिता सकें। लेकिन 19 दिसंबर की देर रात, जब वे गहरी नींद में थे, अपराधियों ने गला रेतकर उनकी नृशंस हत्या कर दी। सुबह जब उनकी लाश मिली, तो पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। शुरुआती दौर में मामला अज्ञात हमलावरों का लग रहा था, लेकिन भोजपुर पुलिस की पैनी नजर से सच छिप नहीं सका।

लालच का खूनी खेल: क्यों बना बेटा कातिल?

सदर-2 एसडीपीओ ने इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि हत्या की साजिश के पीछे तीन मुख्य कारण थे— अनुकंपा पर नौकरी, करोड़ों की संपत्ति और पिता से पुरानी रंजिश।

  • नौकरी की भूख: विशाल तिवारी जानता था कि यदि पिता की सेवाकाल के दौरान मृत्यु होती है, तो उसे अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी मिल जाएगी।

  • जमीन का विवाद: हवलदार पशुपतिनाथ तिवारी ने हाल ही में दो बीघा जमीन का एग्रीमेंट कराया था। नशे के आदी विशाल को डर था कि उसके पिता यह जमीन उसकी विवाहित बहन प्रियंका तिवारी के नाम कर देंगे।

  • दोस्त का साथ: विशाल ने इस वारदात को अंजाम देने के लिए अपने दोस्त मो. जिशान अहमद जिलानी को शामिल किया। दोनों ने मिलकर गला रेतने की खौफनाक योजना बनाई।

हत्याकांड का संक्षिप्त विवरण (Case Investigation Report)

विवरण जानकारी
मृतक पशुपतिनाथ तिवारी (हवलदार, झारखंड पुलिस)
मुख्य आरोपी विशाल तिवारी (सगा बेटा)
सहयोगी मो. जिशान अहमद जिलानी (दोस्त)
हत्या का कारण अनुकंपा नौकरी, संपत्ति और जमीन विवाद
साक्ष्य मोबाइल फोन, CDR और लोकेशन रिकॉर्ड

दो साल से रची जा रही थी मौत की साजिश

पुलिस पूछताछ में जो सबसे चौंकाने वाली बात सामने आई, वह यह कि विशाल अपने पिता को रास्ते से हटाने की कोशिश पिछले दो साल से कर रहा था। दो साल पहले भी उसने हत्या की एक साजिश रची थी, लेकिन उस समय वह विफल रहा था। इस बार उसने पूरी तैयारी की और जैसे ही पिता हजारीबाग से गांव आए, उसने मौके का फायदा उठाकर उन्हें मौत की नींद सुला दिया।

कॉल डिटेल (CDR) ने खोला राज

भोजपुर एसपी के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने जब पशुपतिनाथ तिवारी के परिजनों के मोबाइल खंगाले, तो विशाल की गतिविधियों पर संदेह हुआ।

  1. तकनीकी जांच: घटना के वक्त विशाल और उसके दोस्त जिशान की लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड्स ने पुलिस के शक को यकीन में बदल दिया।

  2. मोबाइल बरामदगी: पुलिस ने आरोपियों के पास से वह मोबाइल फोन भी बरामद किया है, जिसमें हत्या की प्लानिंग से जुड़े कई अहम सुराग और चैट्स मौजूद थे।

  3. इकबालिया बयान: गिरफ्तारी के बाद कड़ी पूछताछ में विशाल टूट गया और उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।

रिश्तों का कत्ल और कानून का हंटर

भगवतपुर की यह घटना समाज के गिरते नैतिक मूल्यों का जीता-जागता उदाहरण है। एक पिता जो अपने बेटे के भविष्य के लिए दिन-रात ड्यूटी करता रहा, उसे क्या पता था कि उसका अपना ही खून उसकी मौत का वारंट लिखेगा। फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस का दावा है कि उनके पास इतने पुख्ता सबूत हैं कि आरोपियों को फांसी की सजा तक पहुँचाया जा सकता है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।