Adityapur Hostel Controversy: प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप, छात्रों को बताया आतंकवादी
आदित्यपुर के पॉलीटेकनिक कॉलेज में हॉस्टल के 90 छात्रों को बंधक बनाए जाने का मामला गरमाया। प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप, जांच के आदेश। जानें, पूरी घटना।
झारखंड के आदित्यपुर स्थित राजकीय पॉलीटेकनिक कॉलेज में एक चौंकाने वाली घटना ने शिक्षा जगत को हिला कर रख दिया है। प्रिंसिपल डॉ. श्रीकांत प्रसाद पर हॉस्टल के 90 छात्रों को बंधक बनाने और उन्हें आतंकवादी कहने के गंभीर आरोप लगे हैं। इस विवाद को लेकर पूरे जिले में हलचल मची हुई है, और अब जिला प्रशासन ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है।
घटना का पूरा विवरण
पिछले शनिवार को प्रिंसिपल द्वारा हॉस्टल के मुख्य गेट को ताला लगाकर छात्रों को बंधक बनाने की घटना सामने आई। छात्रों का कहना है कि फ्रेशर्स पार्टी के लिए चंदा न देने के कारण प्रिंसिपल ने यह कदम उठाया। बंधक बनाए गए छात्रों में से कई बीमार भी थे, और उन्हें बाहर जाने की अनुमति तक नहीं दी गई।
सोमवार को छात्रों ने 100 नंबर पर कॉल करके पुलिस को घटना की जानकारी दी। आदित्यपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और बंधक बने छात्रों को मुक्त कराया।
छात्रों ने लगाए गंभीर आरोप
मंगलवार को हॉस्टल के छात्रों ने उपायुक्त से मुलाकात कर अपनी पीड़ा साझा की। छात्रों का कहना है कि प्रिंसिपल ने न केवल उन्हें आतंकवादी और गुंडा कहकर संबोधित किया, बल्कि उनके करियर को तबाह करने की धमकी भी दी।
छात्रों ने घटना से जुड़े वीडियो और ऑडियो क्लिप भी मीडिया को सौंपे हैं। इन क्लिप्स में साफ देखा और सुना जा सकता है कि प्रिंसिपल डॉ. श्रीकांत प्रसाद छात्रों को गेट में ताला लगाकर बंधक बना रहे हैं और अपमानजनक भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।
प्रशासनिक कार्रवाई और जांच के आदेश
जिला उपायुक्त ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीओ सदानंद महतो को इस घटना की जांच का जिम्मा सौंपा है। एसडीओ को निर्देश दिया गया है कि वे इस घटना की पूरी रिपोर्ट जल्द से जल्द उपायुक्त को सौंपें।
इतिहास: शैक्षणिक संस्थानों में अनुशासन बनाम अत्याचार
भारत में शैक्षणिक संस्थानों में अनुशासन लागू करने के नाम पर कई बार छात्रों के साथ अत्याचार की घटनाएं सामने आई हैं। 1980 के दशक में भी इसी तरह के मामलों ने शिक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े किए थे।
हालांकि, समय के साथ छात्रों के अधिकारों को लेकर जागरूकता बढ़ी है, लेकिन आज भी कई मामलों में छात्रों को प्रशासनिक अधिकारियों के दमन का शिकार होना पड़ता है।
छात्रों की पीड़ा और प्रिंसिपल की सफाई
छात्रों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। फ्रेशर्स पार्टी के लिए चंदा न देने पर उन्हें अपमानित किया गया और बंधक बना लिया गया।
प्रिंसिपल की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कॉलेज प्रशासन की छवि पर इस घटना से गहरा असर पड़ा है।
वीडियो और ऑडियो क्लिप का खुलासा
छात्रों द्वारा मीडिया को सौंपे गए वीडियो और ऑडियो क्लिप ने मामले को और गंभीर बना दिया है।
- वीडियो में: छात्रों को हॉस्टल गेट के अंदर बंद दिखाया गया है।
- ऑडियो में: प्रिंसिपल उन्हें आतंकवादी और गुंडा कह रहे हैं।
इन सबूतों ने प्रशासन को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है।
यह घटना शिक्षा प्रणाली में अनुशासन और अधिकारों के बीच संतुलन पर एक गंभीर सवाल खड़ा करती है। जहां एक तरफ छात्रों की सुरक्षा और अधिकारों की बात होती है, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारियों का गैर-जिम्मेदाराना रवैया इन अधिकारों को कुचल देता है।
अब देखने वाली बात होगी कि जांच के बाद इस मामले में क्या कदम उठाए जाते हैं और दोषियों को क्या सजा मिलती है।
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