25वें कारगिल विजय दिवस पर द्रास पहुंचे PM मोदी, शहीदों को दी श्रद्धांजलि और शिंकुन ला सुरंग का विस्फोट किया!

कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्रास पहुंचे, शहीदों को दी श्रद्धांजलि और शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट किया। जानें इस ऐतिहासिक दिन की महत्वपूर्ण बातें।

Jul 26, 2024 - 09:42
 0
25वें कारगिल विजय दिवस पर द्रास पहुंचे PM मोदी, शहीदों को दी श्रद्धांजलि और शिंकुन ला सुरंग का विस्फोट किया!

देश आज कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्रास पहुंच चुके हैं, जहां उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने कारगिल वॉर मेमोरियल का दौरा कर उन बहादुर जवानों को याद किया जिन्होंने 1999 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी थी।

पीएम मोदी का दौरा और श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल विजय दिवस के इस विशेष मौके पर द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके पहले आर्मी चीफ ने भी द्रास में शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर कारगिल युद्ध के दौरान अपने प्राण न्यौछावर करने वाले बहादुरों के परिजन, वीरता पुरस्कार विजेता और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट

पीएम मोदी ने आज रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट किया। यह सुरंग परियोजना लेह को सभी मौसम में संपर्क प्रदान करेगी और पूरी हो जाने के बाद यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी। शिंकुन ला सुरंग का निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर करीब 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जा रहा है। इस सुरंग से सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज और कुशल आवाजाही सुनिश्चित हो सकेगी।

कारगिल युद्ध और विजय दिवस की कहानी

कारगिल जंग 3 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक चली थी। भारतीय सेना ने 26 जुलाई को जीत हासिल की थी, जिसके बाद इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। पाकिस्तान के साथ हुए समझौते का उल्लंघन कर पाकिस्तानी सैनिकों ने सर्दियों में द्रास, टाइगर हिल और कारगिल समेत कई अहम इलाकों पर कब्जा कर लिया था। इस युद्ध में भारत ने 527 जवानों को खोया और 1363 जवान घायल हुए।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।