Tantnagar Strike: बालू माफिया पर शिकंजा, नदी का सीना चीर रहे दो ट्रैक्टर जब्त, पुलिस की बड़ी घेराबंदी
पश्चिम सिंहभूम के तांतनगर में अवैध बालू के काले कारोबार पर पुलिस ने आधी रात को सर्जिकल स्ट्राइक की है जहाँ दारा और तुईबाना गांव के पास से बालू लदे ट्रैक्टरों को दबोचा गया है। माफियाओं के इस सिंडिकेट और सरकारी राजस्व की चोरी के पीछे छिपे बड़े चेहरों की पूरी हकीकत यहाँ देखें वरना आप भी अनजाने में इस अवैध धंधे की चपेट में आ सकते हैं।
चाईबासा, 19 दिसंबर 2025 – झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में प्रकृति की संपदा को लूटने वाले बालू माफियाओं के खिलाफ प्रशासन ने अब आर-पार की जंग छेड़ दी है। तांतनगर थाना क्षेत्र के दारा और तुईबाना गांव के पास पुलिस ने एक गुप्त ऑपरेशन चलाकर अवैध बालू लदे दो ट्रैक्टरों को रंगे हाथों जब्त किया है। थाना प्रभारी अरविंद कुशवाहा के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई ने इलाके के उन सफेदपोश सिंडिकेट के बीच खलबली मचा दी है, जो लंबे समय से नदी के किनारों को खोखला कर रहे थे।
पश्चिम सिंहभूम: जल और बालू का ऐतिहासिक महत्व
पश्चिम सिंहभूम का इतिहास अपनी समृद्ध खनिज संपदा और नदियों के लिए जाना जाता है। यहाँ की नदियाँ केवल जल का स्रोत नहीं, बल्कि कृषि और पारिस्थितिकी तंत्र की रीढ़ रही हैं। ऐतिहासिक रूप से, बालू का उपयोग स्थानीय निर्माण के लिए सीमित मात्रा में होता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में 'कंस्ट्रक्शन बूम' के कारण बालू की मांग 'पीली सोने' (Yellow Gold) जैसी हो गई है। तांतनगर जैसे शांत ग्रामीण इलाकों में माफियाओं के बढ़ते हस्तक्षेप ने न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया है, बल्कि सरकार के राजस्व को भी करोड़ों का चूना लगाया है।
दारा और तुईबाना में आधी रात की कार्रवाई
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि अंधेरे का फायदा उठाकर माफिया बिना किसी चालान या वैध परमिट के नदियों से बालू उठा रहे हैं। सूचना की पुष्टि होते ही थाना प्रभारी ने टीम के साथ मौके पर दबिश दी।
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बिना कागजात की तस्करी: जब ट्रैक्टरों को रोका गया, तो चालकों के पास परिवहन से संबंधित कोई वैध दस्तावेज नहीं मिले।
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पुलिस की सख्ती: ट्रैक्टरों को तुरंत जब्त कर तांतनगर थाना लाया गया है। तांतनगर ओपी प्रभारी पीयूष नाग ने स्पष्ट किया है कि बालू का अवैध खनन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पर्यावरण और राजस्व पर दोहरी मार
अवैध बालू खनन केवल चोरी का मामला नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर पर्यावरणीय मुद्दा भी है। डीएसपी स्तर के अधिकारियों का कहना है कि नदियों से अनियंत्रित तरीके से बालू निकालने से:
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जल स्तर में गिरावट: नदी का जलस्तर नीचे चला जाता है, जिससे आसपास के गाँवों में सूखे की स्थिति पैदा होती है।
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राजस्व की हानि: जिला खनन कार्यालय को बिना रॉयल्टी चुकाए यह कारोबार माफिया की जेबें भर रहा है।
ऑपरेशन 'सैंड क्लीन' का ब्योरा
| विवरण | जानकारी |
| घटना स्थल | दारा और तुईबाना गांव (तांतनगर) |
| जब्ती | अवैध बालू लदे 02 ट्रैक्टर |
| मुख्य अधिकारी | अरविंद कुशवाहा (थाना प्रभारी) |
| अगली कार्रवाई | खनन विभाग को प्राथमिकी हेतु पत्र |
माफियाओं में हड़कंप और पुलिस का अगला कदम
तांतनगर पुलिस की इस निरंतर कार्रवाई से माफियाओं के बीच डर का माहौल है। पुलिस ने न केवल ट्रैक्टरों को जब्त किया है, बल्कि उनके मालिकों और सप्लाई चेन से जुड़े दलालों की कुंडली भी खंगालनी शुरू कर दी है। पुलिस ने खनन विभाग को पत्र लिखकर संबंधित ट्रैक्टर मालिकों के खिलाफ भारी जुर्माना और एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा की है।
पुलिस की अपील:
प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि यदि उनके इलाके में कहीं भी नदी किनारे ट्रैक्टरों की आवाजाही या अवैध खनन की गतिविधि दिखे, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। आपकी एक गुप्त सूचना सरकारी संपत्ति और पर्यावरण को बचाने में बड़ी भूमिका निभा सकती है।
प्रशासन का 'जीरो टॉलरेंस'
तांतनगर का यह मामला साबित करता है कि माफिया चाहे जितना भी ताकतवर क्यों न हो, पुलिस की मुस्तैदी के आगे उसका टिकना नामुमकिन है। बालू के इस अवैध धंधे को जड़ से खत्म करने के लिए जिला प्रशासन अब भविष्य में ड्रोन और गुप्त कैमरों की मदद लेने पर भी विचार कर रहा है।
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