WAQF Amendment Bill : जेपीसी ने विपक्ष के 44 सुझाव खारिज किए, सरकार के 22 संशोधन पास, विपक्ष में नाराजगी
जेपीसी की बैठक में वक्फ संशोधन बिल पर सरकार के 22 प्रस्ताव पास, जबकि विपक्ष के 44 सुझाव खारिज। विपक्ष ने जताई नाराजगी। जानिए पूरा विवाद।
नई दिल्ली: वक्फ संपत्तियों को लेकर चल रहे विवाद में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की आज हुई बैठक में बड़ा फैसला लिया गया। सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस के बाद, जेपीसी ने सरकार के 22 संशोधन पास कर दिए, जबकि विपक्ष के सभी 44 प्रस्ताव खारिज कर दिए गए। इस फैसले के बाद विपक्ष ने अपनी नाराजगी जाहिर की है।
बैठक का निष्कर्ष
जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल की अगुवाई में आज की बैठक में कुल 572 संशोधन प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इनमें से 14 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। विपक्ष ने अपने 44 सुझाव पेश किए थे, लेकिन जेपीसी ने उन्हें खारिज कर दिया। इसके साथ ही सरकार के संशोधनों को प्राथमिकता दी गई।
बजट में पेश होगी रिपोर्ट
जेपीसी ने ऐलान किया कि वक्फ संशोधन बिल पर तैयार 500 पन्नों की रिपोर्ट को बजट सत्र में पेश किया जाएगा। इस रिपोर्ट को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट भाषण के दौरान संसद में प्रस्तुत करेंगी।
वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य
विधेयक का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन, अतिक्रमण से बचाव, और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। वक्फ एक्ट 1995 में सुधार की मांग लंबे समय से की जा रही थी। सरकार ने इस मुद्दे पर पिछले 6 महीनों में 38 बैठकें कीं और विभिन्न राज्यों में जाकर हितधारकों से चर्चा की।
विपक्ष का विरोध क्यों?
विपक्ष ने इस विधेयक में मुस्लिम अधिकारों के हनन और बोर्ड में मुस्लिम महिलाओं की अनदेखी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बोर्ड में 3 से 5 मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। इसके अलावा, प्रस्तावित संशोधन में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में बड़े बदलाव किए गए हैं, जिससे विवाद बढ़ गया है।
संशोधन में हुए बड़े बदलाव
1. वक्फ संपत्तियों पर उपयोगकर्ता के अधिकार को चुनौती नहीं दी जा सकती।
2. वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में अधिक पारदर्शिता लाने के प्रावधान।
3. वक्फ बोर्ड में सदस्यों की नियुक्ति के लिए सख्त मापदंड।
सरकार बनाम विपक्ष: वोटिंग का परिणाम
वोटिंग के दौरान 16 सदस्यों ने सरकार के पक्ष में मतदान किया, जबकि विपक्ष के समर्थन में केवल 10 वोट पड़े। इसके बाद, विपक्ष के सभी प्रस्ताव खारिज कर दिए गए। हालांकि, विपक्ष का डिसेंट नोट भी रिपोर्ट का हिस्सा बनेगा, जिससे रिपोर्ट की कुल पृष्ठ संख्या और बढ़ सकती है।
विपक्ष की नाराजगी
विपक्षी दलों ने इस फैसले को अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ बताया है। उनका कहना है कि सरकार मुस्लिम समाज के अधिकार छीनने का प्रयास कर रही है।
आगे की योजना
वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी की अगली बैठक 29 जनवरी 2025 को होगी। इसके बाद सभी प्रस्तावों को बजट सेक्शन में शामिल कर लिया जाएगा।
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं। जहां सरकार इसे पारदर्शिता और सुधार की दिशा में बड़ा कदम मानती है, वहीं विपक्ष इसे अल्पसंख्यक अधिकारों पर प्रहार करार दे रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संसद में इस बिल को किस तरह की प्रतिक्रिया मिलती है।
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