Jamshedpur TRF Bonus : टीआरएफ में बोनस समझौता, कर्मचारियों को मिलेगा 15.59% बोनस – 11 सितंबर को खातों में आएगी राशि!
जमशेदपुर टीआरएफ में 15.59% बोनस समझौता! 11 सितंबर को कर्मचारियों के खातों में आएगी 1,09,647 तक की राशि। प्रबंधन-यूनियन की मेहनत से बेहतर डील। पूरी खबर!

9 सितंबर, 2025 जमशेदपुर, झारखंड – टीआरएफ लिमिटेड, टाटा स्टील की सहायक कंपनी, ने अपने कर्मचारियों के लिए एक बार फिर सकारात्मक कदम उठाया है। कंपनी प्रबंधन और टीआरएफ लेबर यूनियन के बीच हुए बोनस समझौते ने कर्मचारियों में उत्साह भर दिया है। प्रोडक्शन, मुनाफा, और सेफ्टी के आधार पर बने फॉर्मूले के तहत बोनस 13.94% बन रहा था, लेकिन कर्मचारियों के सहयोग और यूनियन के अनुरोध पर प्रबंधन ने इसे बढ़ाकर 15.59% करने पर सहमति जताई। यह समझौता पिछले वर्ष की तुलना में कंपनी के कम मुनाफे और प्रोडक्शन के बावजूद बेहतर माना जा रहा है, जो कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच मजबूत रिश्ते को दर्शाता है।
पांच साल से बिहार और झारखंड की औद्योगिक और सामाजिक खबरों को कवर करते हुए, मैंने देखा है कि टीआरएफ जैसी कंपनियां कर्मचारी कल्याण को कितनी अहमियत देती हैं। इस समझौते पर प्रबंधन की ओर से प्रबंध निदेशक उमेश कुमार सिंह, सीएफओ आनंद चांद, सीएचआरओ अभिजीत सिंह, हेड मैन्युफैक्चरिंग कुमार विवेक, हेड एससीएम सौरभ मेहता, हेड फाइनांस प्रियंका गांगुली, मैनेजर एचआरएम प्रमोद कुमार, मैनेजर एचआरएम कपिल देव चौधरी, और सीनियर डिविजनल मैनेजर अरुप कुमार मुखर्जी ने हस्ताक्षर किए। यूनियन की ओर से अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय, डिप्टी प्रेसिडेंट संजय कुमार, और अन्य पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर कर इस समझौते को अंतिम रूप दिया।
बोनस की राशि और भुगतान
इस समझौते के तहत कर्मचारियों को अधिकतम 1,09,647 रुपये और न्यूनतम 30,620 रुपये बोनस मिलेगा। यह राशि 11 सितंबर, 2025 को कर्मचारियों के बैंक खातों में जमा हो जाएगी। शार्प भारत की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में इस साल टीआरएफ का मुनाफा और प्रोडक्शन कम रहा, फिर भी यूनियन के अनुरोध पर प्रबंधन ने 13.94% के बजाय 15.59% बोनस देने का फैसला किया। यह कदम कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने और उनके योगदान को सम्मान देने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
कर्मचारियों और यूनियन की भूमिका
टीआरएफ लेबर यूनियन के अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा, “कंपनी की आर्थिक स्थिति के बावजूद प्रबंधन ने कर्मचारियों के हित में यह फैसला लिया। यह हमारी एकता और सहयोग का परिणाम है।” यूनियन ने कर्मचारियों के कठिन परिश्रम और सेफ्टी मानकों का पालन करने की प्रतिबद्धता को इस समझौते का आधार बताया। कर्मचारियों ने भी इस फैसले का स्वागत किया है, खासकर ऐसे समय में जब औद्योगिक क्षेत्र में आर्थिक चुनौतियां बढ़ रही हैं।
कंपनी की स्थिति और बोनस का महत्व
आउटलुक बिजनेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, टीआरएफ पिछले कुछ समय से आर्थिक दबाव का सामना कर रही है। मुनाफे में कमी और प्रोडक्शन में गिरावट के बावजूद, कंपनी ने कर्मचारियों के लिए बेहतर बोनस सुनिश्चित किया, जो प्रबंधन की संवेदनशीलता को दर्शाता है। यह समझौता न केवल कर्मचारियों के लिए आर्थिक राहत लाएगा, बल्कि कंपनी के प्रति उनकी निष्ठा को भी मजबूत करेगा। लाइव हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक, इस समझौते से 182 कर्मचारियों को लाभ होगा, और बोनस की राशि उनके खातों में जल्द पहुंचेगी।
क्यों अहम है यह समझौता?
बिहार और झारखंड जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में कर्मचारी-प्रबंधन संबंध अक्सर तनावपूर्ण रहते हैं। लेकिन टीआरएफ का यह समझौता एक सकारात्मक उदाहरण है, जहां यूनियन और प्रबंधन ने मिलकर कर्मचारियों के हित में फैसला लिया। यह समझौता न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करेगा, बल्कि कर्मचारियों के बीच विश्वास और एकता को भी बढ़ाएगा।
यह बोनस समझौता टीआरएफ कर्मचारियों के लिए एक राहत की खबर है, खासकर जब औद्योगिक क्षेत्र में अनिश्चितता का माहौल है। लेकिन सवाल यह है कि क्या कंपनी भविष्य में भी ऐसी उदारता दिखा पाएगी? कर्मचारियों और यूनियन को अब प्रोडक्शन और सेफ्टी पर और ध्यान देना होगा, ताकि कंपनी की आर्थिक स्थिति सुधरे। बिहार और झारखंड की औद्योगिक इकाइयों के लिए यह समझौता एक मिसाल हो सकता है, जो सहयोग और समझदारी से बेहतर परिणाम ला सकता है।
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