Tatanagar Unity Call: रेलवे कर्मचारियों की एकजुटता पर जोर, यूनियन की ताकत बढ़ाने और समस्याओं के समाधान के लिए उठी आवाज!
टाटानगर में रेलवे एम्प्लॉई वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक में कर्मचारियों की एकजुटता पर जोर, जानिए किन मांगों को लेकर उठी आवाज और क्या होगा आगे?

टाटानगर: रेलवे कर्मचारियों की मजबूती और अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुटता ही सबसे बड़ी ताकत है। दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस यूनियन के टाटानगर ब्रांच-1 के सचिव संजय सिंह ने मंगलवार को रेलवे एम्प्लॉई वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले कैरेज कॉलोनी में आयोजित बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि यूनियन तभी शक्तिशाली होगी, जब सभी रेलकर्मी एक साथ खड़े होंगे।
बैठक की अध्यक्षता रेलवे एम्प्लॉई वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने की, जिसमें रेलवे कर्मचारियों की समस्याओं और समाधान पर गहन चर्चा हुई।
रेलवे कर्मचारियों की एकजुटता क्यों जरूरी?
भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल नेटवर्क है और इसमें लाखों कर्मचारी दिन-रात काम करते हैं। इनकी मेहनत से ही रोजाना 2.3 करोड़ से ज्यादा यात्री सफर करते हैं और रेलवे की सेवाओं पर भरोसा बनाए रखते हैं। लेकिन, बदलते समय के साथ रेलवे कर्मचारियों को कई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनका समाधान बिना एकजुटता के संभव नहीं।
संजय सिंह ने कहा कि रेलवे कर्मचारियों को संगठित रहकर ही अपने अधिकारों और हितों की रक्षा करनी होगी। उन्होंने कर्मचारियों से अपील की कि वे यूनियन के साथ मिलकर अपनी मांगों को बुलंद करें, ताकि उनके मुद्दों को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जा सके।
रेलवे और यूनियन का ऐतिहासिक संबंध
भारतीय रेलवे में यूनियन की शुरुआत 19वीं शताब्दी में हुई, जब रेलकर्मियों को उनके अधिकार नहीं मिलते थे। 1924 में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (AIRF) का गठन हुआ, जिसने कर्मचारियों के लिए वेतन बढ़ोतरी, कार्यस्थल सुरक्षा और अन्य सुविधाओं के लिए संघर्ष किया।
दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस यूनियन भी इसी कड़ी का हिस्सा है, जो वर्षों से रेलवे कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्यरत है।
बैठक में उठी यह महत्वपूर्ण मांगें
बैठक में रेलवे कर्मचारियों ने अपनी कार्यक्षेत्र से जुड़ी कई समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराया और समाधान की मांग की। बिजली, पानी, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी को दूर करने के लिए जल्द कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया गया।
ब्रांच-2 के सहायक सचिव एमपी गुप्ता ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूनियन रेलवे प्रबंधन से लगातार संपर्क में है और कर्मचारियों की मांगों को उच्च स्तर पर उठाया जाएगा।
रेलवे कर्मचारियों की अहम जिम्मेदारी
बैठक में उपस्थित रेलवे कर्मचारियों को संबोधित करते हुए मनोज मिश्रा ने कहा कि रेलकर्मियों को अपने कार्य के प्रति पूरी ईमानदारी और समर्पण रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि "हर दिन लाखों लोग अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर लंबी दूरी की यात्रा करते हैं। उन्हें रेलकर्मियों पर पूरा भरोसा होता है, और हमारा कर्तव्य है कि हम इस भरोसे को बनाए रखें।"
उन्होंने आगे कहा कि रेलवे कर्मचारी देश की जीवनरेखा हैं, और उनकी एकजुटता से ही यह व्यवस्था और मजबूत होगी।
क्या होगा आगे?
यूनियन ने आश्वासन दिया है कि रेलवे कर्मचारियों की समस्याओं को जल्द से जल्द हल किया जाएगा। आगामी दिनों में रेलवे प्रबंधन के साथ बैठक कर इन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
यह बैठक रेलकर्मियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई, जहां एकजुटता की ताकत और कर्मचारियों की समस्याओं को प्राथमिकता देने की जरूरत को दोहराया गया। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या रेलवे प्रशासन कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से लेकर ठोस कार्रवाई करेगा?
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