शिव शंकर सिंह ने भाजपा के खिलाफ खोला मोर्चा, उठाया परिवारवाद का मुद्दा
जमशेदपुर में शिव शंकर सिंह ने विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की। भाजपा में असंतोष के बीच परिवारवाद के खिलाफ लडाई की बात कही।
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जमशेदपुर, 21 अक्टूबर: आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा घोषित उम्मीदवारों की सूची में समर्पित पार्टी कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने पर समर्थकों में असंतोष बढ़ गया है। इसी बीच, भाजपा नेता और सामाजिक कार्यकर्ता शिव शंकर सिंह ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।
शिव शंकर सिंह ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में एक परिवार ने पार्टी नेतृत्व को दिग्भ्रमित किया है। इससे सभी कार्यकर्ताओं में पीड़ा है। उन्होंने कहा, "मैंने यह निर्णय जनता के भारी दबाव में लिया है। यह लडाई सामूहिक होगी, जिसमें मैं चेहरा मात्र होऊंगा।" उन्होंने जोर देकर कहा कि यह लड़ाई परिवारवाद के खिलाफ होगी।
शिव शंकर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवारवाद विरोधी सिद्धांतों का अनुसरण करते हुए पूर्णिमा दास के चुनाव लड़ने का कड़ा विरोध किया। उन्होंने पूछा, "पूर्णिमा दास का चुनाव लड़ने के लिए क्या मेरिट है? क्या उन्होंने कभी इस क्षेत्र के विकास के लिए कुछ किया है?" उन्होंने कहा कि राजनीतिक जीवन की शुरुआत सामाजिक कार्य से होती है।
उन्होंने जानकारी दी कि 23 अक्टूबर को दिन के 12 बजे नामांकन करने जा रहे हैं। इसमें भारी संख्या में समर्थकों की भागीदारी होगी।
रविवार को सिंह के कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में जमशेदपुर पूर्वी के लोगों ने संगठन में परिवारवाद का विरोध किया। समर्थकों ने कहा कि वे शिव शंकर सिंह का समर्थन करेंगे।
भाजपा की वरिष्ठ नेत्री राजपति देवी ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय दी। उन्होंने कहा, "पार्टी में योग्य महिलाओं की कमी नहीं है। फिर एक परिवार को टिकट देना नारी सशक्तिकरण के नाम पर परिवारवाद है।"
शिव शंकर सिंह ने पूर्वी क्षेत्र की जनता से अपील की कि वे नामांकन में बड़ी संख्या में शामिल हों। इस दौरान भाजपा के कई नेता और आम जनता भी मौजूद रही। सिंह ने सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर इस लड़ाई में शामिल होने का आह्वान किया।
इस प्रकार, शिव शंकर सिंह ने भाजपा के भीतर के असंतोष को उजागर करते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट की। यह चुनावी लड़ाई परिवारवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संघर्ष बन सकती है।
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