Saraikela Shock: मॉर्निंग वॉक के दौरान पुलिस जवान की संदिग्ध मौत!

सरायकेला में टाइगर मोबाइल के पुलिस जवान अनिल झा की मॉर्निंग वॉक के दौरान मौत हो गई। क्या बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा? जानिए पूरी खबर।

Mar 12, 2025 - 14:03
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Saraikela Shock: मॉर्निंग वॉक के दौरान पुलिस जवान की संदिग्ध मौत!
Saraikela Shock: मॉर्निंग वॉक के दौरान पुलिस जवान की संदिग्ध मौत!

सरायकेला: झारखंड के सरायकेला जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां पुलिस बल के जवान अनिल झा की मॉर्निंग वॉक के दौरान अचानक मौत हो गई। अनिल झा टाइगर मोबाइल के जवान के रूप में सिनी ओपी में तैनात थे और हमेशा की तरह सुबह की सैर पर निकले थे, लेकिन किसे पता था कि यह उनकी जिंदगी की आखिरी वॉक साबित होगी।

कैसे हुई घटना?

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सुबह की सैर के दौरान अनिल झा अचानक जमीन पर गिर पड़े। आसपास के लोग और पुलिसकर्मी उन्हें तुरंत सरायकेला सदर अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दियाप्राथमिक जांच में हार्ट अटैक को मौत का कारण बताया जा रहा है, लेकिन अंतिम पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद होगी।

पुलिस विभाग में शोक की लहर

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस विभाग में मातम पसर गया। तमाम पुलिस अधिकारी और सहकर्मी अस्पताल पहुंचे और जवान के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। वहीं, जैसे ही यह खबर अनिल झा के परिवार तक पहुंची, परिजनों में कोहराम मच गया। उनका परिवार जमशेदपुर के कदमा इलाके में रहता है।

अनिल झा कौन थे?

अनिल झा एक अनुभवी और कर्मठ पुलिस जवान थे, जो टाइगर मोबाइल दस्ते का हिस्सा थे। यह विशेष पुलिस इकाई मुख्य रूप से गश्त और सुरक्षा के लिए तैनात की जाती है, खासकर संवेदनशील इलाकों में। अनिल झा को उनकी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के लिए जाना जाता था।

क्या बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा?

हाल के वर्षों में युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। बढ़ता तनाव, अनियमित जीवनशैली, खराब खान-पान और अत्यधिक वर्कलोड इसके प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। खासकर पुलिस विभाग जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में मानसिक और शारीरिक दबाव ज्यादा होता है, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार

अनिल झा के पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस लाइन ले जाया जाएगा। वहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा, जो पुलिस बल के लिए सम्मान की परंपरा मानी जाती है। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

इस घटना ने फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर पुलिस जवानों की सेहत को लेकर क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं? क्या उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है? सरकार और पुलिस प्रशासन को अब इस दिशा में ठोस रणनीति बनानी होगी, ताकि ऐसे अचानक होने वाली मौतों को रोका जा सके

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।