Saraikela. Accident Alert: जिले में 18 ब्लैक स्पॉट पर मौत का खतरा! पुलिस की नई कार्रवाई शुरू
सरायकेला जिले में 18 ब्लैक स्पॉट्स को हाई-रिस्क घोषित किया गया है, जहां सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। पुलिस की SIT टीम इन खतरनाक सड़कों की जांच कर रिपोर्ट तैयार कर रही है। क्या आपकी सड़क भी इस लिस्ट में शामिल है?

सरायकेला जिले में लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एसपी मुकेश कुमार लुणायत ने एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। इस टीम की अगुवाई हेडक्वार्टर डीएसपी करेंगे और इसमें ट्रैफिक प्रभारी के साथ-साथ संबंधित थाना प्रभारी भी शामिल किए गए हैं।
पुलिस ने जिले के 18 खतरनाक ब्लैक स्पॉट्स को चिह्नित किया है, जहां अक्सर हादसे होते रहते हैं। इन इलाकों का निरीक्षण कर एसआईटी को विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है। रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन आवश्यक सुधार कार्य करेगा ताकि इन जानलेवा सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
कौन-कौन से हैं ये 18 खतरनाक ब्लैक स्पॉट?
जिला प्रशासन ने जिन 18 ब्लैक स्पॉट को हाई-रिस्क जोन घोषित किया है, उनमें शामिल हैं:
सरायकेला थाना क्षेत्र – कुड़ी, मुड़िया, फौजी ढाबा, दुगनी और CISF कैंप
चांडिल थाना क्षेत्र – पारडीह काली मंदिर, आसनबनी, कांदरबेड़ा, चांडिल गोलचक्कर, शहरबेड़ा और चिलगु
चौका थाना क्षेत्र – दुबराजपुर और चावली बसा
कांड्रा थाना क्षेत्र – रघुनाथपुर
आदित्यपुर थाना क्षेत्र – बिको मोड़, सुधा डेयरी मोड़, टोल ब्रिज मोड़ और पान दुकान चौक
इन इलाकों में सड़क दुर्घटनाएं आम बात हो गई हैं, और हर साल कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं।
आखिर क्यों हो रही हैं इतनी दुर्घटनाएं?
SIT टीम को इन 18 खतरनाक ब्लैक स्पॉट्स पर हो रहे हादसों का विश्लेषण कर यह रिपोर्ट तैयार करनी है कि इन दुर्घटनाओं के पीछे मुख्य कारण क्या हैं।
खराब सड़कें: कई जगहों पर सड़कें टूटी हुई हैं, जिससे वाहन फिसलकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।
ओवरस्पीडिंग: ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कर कई वाहन तेज रफ्तार से चलते हैं, जिससे हादसे होते हैं।
सुरक्षा संकेतों की कमी: कई ब्लैक स्पॉट पर उचित संकेतक नहीं लगे हैं, जिससे लोगों को खतरे का अंदाजा नहीं हो पाता।
अंधेरे और खराब लाइटिंग: रात के समय इन इलाकों में पर्याप्त स्ट्रीट लाइट नहीं होती, जिससे वाहन चालकों को मुश्किल होती है।
पुलिस की कार्रवाई – क्या बदलेगा कुछ?
ट्रैफिक प्रभारी अजय कुमार तिवारी के अनुसार, SIT टीम दुर्घटनाओं के पीछे के कारणों की जांच कर रिपोर्ट तैयार कर रही है।
FIR का विश्लेषण किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि किन परिस्थितियों में सबसे ज्यादा हादसे हो रहे हैं।
ब्लैक स्पॉट्स का भौतिक सत्यापन कर यह देखा जा रहा है कि सड़कें कितनी खतरनाक हैं।
रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा उपाय सुझाए जाएंगे, जिससे भविष्य में इन जगहों पर हादसों को रोका जा सके।
अगले दो दिनों के भीतर SIT अपनी विस्तृत रिपोर्ट एसपी को सौंपेगी।
झारखंड में ब्लैक स्पॉट्स की खतरनाक सच्चाई
झारखंड के विभिन्न जिलों में हर साल सैकड़ों सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं।
2023 में राज्यभर में सड़क दुर्घटनाओं में 1400 से अधिक मौतें दर्ज की गईं।
सरायकेला जिले में ही हर महीने 10 से 15 सड़क हादसे होते हैं, जिनमें कई गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं।
झारखंड सरकार कई बार सड़क सुरक्षा को लेकर कदम उठा चुकी है, लेकिन ग्राउंड लेवल पर बदलाव नजर नहीं आ रहा।
क्या ब्लैक स्पॉट्स पर मौत का सिलसिला रुकेगा?
अब सवाल यह है कि क्या पुलिस की इस कार्रवाई से कोई बदलाव आएगा, या फिर यह भी सिर्फ एक औपचारिकता रह जाएगी?
क्या सरकार इन सड़कों की मरम्मत कराएगी?
क्या ओवरस्पीडिंग पर कड़ा नियंत्रण लगाया जाएगा?
क्या इन इलाकों में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती होगी?
जब तक ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक ये ब्लैक स्पॉट्स 'डेथ स्पॉट्स' बने रहेंगे।
What's Your Reaction?






