Saraikela Raid: सरायकेला में पुलिस ने जब्त किया 14 लाख की नकली अंग्रेजी शराब का जखीरा, 248 पेटियों में बंद था जहर, दीपक और लुगनी समेत दो तस्कर गिरफ्तार
सरायकेला खरसावां पुलिस को अवैध शराब कारोबार के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली है। हाथीमारा गांव में छापेमारी कर करीब 14 लाख रुपये मूल्य की 248 पेटी नकली अंग्रेजी शराब और पैकिंग सामग्री जब्त की गई। दीपक नामित और लुगनी हेंब्रम नामक दो तस्कर गिरफ्तार हुए हैं, जिनकी पूछताछ में गिरोह के अन्य सदस्यों के नाम सामने आए हैं।
झारखंड में शराब माफिया के खिलाफ सरकारी सख्ती अब रंग लाती दिख रही है। सरायकेला खरसावां जिले की पुलिस ने अवैध और नकली शराब के नेटवर्क पर एक बड़ी और सटीक चोट पहुंचाई है। गुप्त सूचना के आधार पर की गई एक ताबड़तोड़ छापेमारी में पुलिस ने सिर्फ नकली शराब का जखीरा ही नहीं जब्त किया, बल्कि इस गंदे खेल में शामिल दो तस्करों को भी रंगेहाथ दबोच लिया। जब्त शराब की कीमत करीब 14 लाख रुपये आंकी जा रही है।
झारखंड के कई ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी इलाकों में नकली शराब का कारोबार एक गंभीर समस्या रहा है, जो न केवल राज्य के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाता है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी सीधा खतरा पैदा करता है। सरायकेला पुलिस की यह कार्रवाई दिखाती है कि अब इस माफिया को बख्शा नहीं जाएगा।
हाथीमारा गांव पर पुलिस की पैनी नजर
जिला पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुणायत ने बताया कि उन्हें सरायकेला थाना क्षेत्र के हाथीमारा गांव में अवैध नकली शराब के कारोबार की पुख्ता सूचना मिली थी।
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विशेष टीम: एसपी ने तत्काल इस जानकारी की पुष्टि की और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (SDPO) के नेतृत्व में एक विशेष छापेमारी दल का गठन किया। इस टीम को बिना देरी किए कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
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सटीक कार्रवाई: टीम ने सटीक ठिकाने पर छापेमारी की, जहां नकली शराब का भारी जखीरा मौजूद था।
248 पेटियों में बंद थी जानलेवा शराब
पुलिस की छापेमारी में बरामदगी की मात्रा और सामान दोनों ही चौंकाने वाले थे।
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भारी मात्रा: पुलिस ने मौके से कुल 248 पेटियां बरामद कीं, जिनमें करीब 2019 लीटर अलग-अलग ब्रांडों की नकली अंग्रेजी शराब थी। यह बड़ी मात्रा दर्शाती है कि यह कारोबार कितने बड़े पैमाने पर चल रहा था।
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पैकिंग का सामान: सिर्फ शराब ही नहीं, जवानों ने मौके से शराब को बाजार जैसी पैकेजिंग देने में इस्तेमाल होने वाले स्टीकर, सीलिंग मशीन और अन्य पैकिंग सामग्री भी जब्त की। यह स्पष्ट करता है कि अपराधी इस अवैध धंधे को एक छोटे कारखाने के रूप में चला रहे थे।
तस्करों ने उगले गिरोह के नाम
पुलिस ने मौके से खरसावां थाना क्षेत्र के रहने वाले दो तस्करों दीपक नामित और लुगनी हेंब्रम को गिरफ्तार किया।
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नेटवर्क का खुलासा: गिरफ्तारी के बाद दोनों से की गई पूछताछ में तस्करों ने अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के नामों का खुलासा किया है। पुलिस अब इन खुलासों के आधार पर पूरे नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी है। एसपी ने इसे जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया है।
सरायकेला पुलिस की यह सफलता यह साबित करती है कि अगर सख्त इच्छाशक्ति हो तो अवैध कारोबारियों की कमर तोड़ी जा सकती है। यह कार्रवाई अन्य जिलों की पुलिस के लिए भी एक उदाहरण है कि कैसे फर्जी और जानलेवा शराब के कारोबार पर अंकुश लगाया जा सकता है। अब देखना यह है कि पुलिस इस नेटवर्क के कितने और सदस्यों को गिरफ्तार कर पाती है।
आपकी राय में, नकली शराब के नेटवर्क को पूरी तरह से नष्ट करने और आम लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए राज्य के उत्पाद विभाग और पुलिस को कौन से दो सबसे अनिवार्य और संयुक्त कदम उठाने चाहिए?
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