Saraikela Arrest: पशु तस्करी करते वाहन चालक को ग्रामीणों ने पकड़ा, छ: बैल बरामद
सरायकेला में ग्रामीणों ने पशु तस्करी करते वाहन को पकड़ा। छ: बैल बरामद, चालक जेल भेजा गया। पढ़ें पूरी खबर।
सरायकेला: सरायकेला थाना क्षेत्र के अंतर्गत नई पुलिया के पास गुरुवार देर शाम ग्रामीणों ने पशु तस्करी में लगे एक वाहन को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। इस वाहन से छ: बैल बरामद हुए हैं। वाहन चालक की पहचान डांगरडिहा निवासी विश्वजीत दलाई के रूप में हुई है, जिसे पुलिस ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
घटना कैसे हुई?
गुरुवार शाम, ग्रामीणों को सूचना मिली कि एक वाहन पर गैरकानूनी तरीके से बैल लादे जा रहे हैं। शक होने पर ग्रामीणों ने वाहन का पीछा किया और उसे नई पुलिया के पास रोक लिया। इसके बाद, वाहन चालक से बैल ले जाने के दस्तावेज मांगे गए, लेकिन वह कोई वैध कागजात प्रस्तुत नहीं कर सका।
पुलिस को इस घटना की सूचना मिलने के बाद थाना प्रभारी सतीश वर्नवाल मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला। पुलिस ने तुरंत वाहन और उसमें लदे सभी बैलों को जब्त कर लिया।
पशु तस्करी का इतिहास और सरायकेला का संदर्भ
सरायकेला क्षेत्र में पशु तस्करी की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं। झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में तस्करी एक गंभीर समस्या है, जहां बैल, भैंस और अन्य मवेशियों को अवैध रूप से पड़ोसी राज्यों में ले जाया जाता है।
झारखंड में पशु संरक्षण कानूनों के बावजूद, तस्कर अक्सर ग्रामीण इलाकों और सुनसान सड़कों का इस्तेमाल करते हैं। सरायकेला, जो झारखंड के प्रमुख जिलों में से एक है, हाल के वर्षों में तस्करी के ऐसे मामलों का गवाह बना है।
ग्रामीणों की सतर्कता ने बचाई जान
इस घटना में ग्रामीणों की जागरूकता और त्वरित कार्रवाई ने छ: बैलों को तस्करी से बचा लिया। पुलिस ने ग्रामीणों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में जनता की सतर्कता से ही अपराधों को रोका जा सकता है।
पुलिस का क्या कहना है?
थाना प्रभारी सतीश वर्नवाल ने बताया, "वाहन संख्या जेएच05डीडी-2047 को जब्त कर लिया गया है। चालक के पास बैल ले जाने के कोई वैध कागजात नहीं थे। ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की गई है। आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।"
पशु तस्करी पर सख्ती की जरूरत
झारखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन ने पशु तस्करी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही है। हालांकि, सीमा क्षेत्रों और ग्रामीण इलाकों में तस्करी के मामले अभी भी चिंता का विषय बने हुए हैं।
अवैध तस्करी की साजिश
जानकारों का मानना है कि तस्कर बड़े संगठित नेटवर्क का हिस्सा होते हैं। बैल, भैंस और अन्य मवेशियों को सीमावर्ती राज्यों और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाया जाता है। इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और पुलिस की लापरवाही जैसे मुद्दे भी सामने आते हैं।
क्या है आगे की कार्रवाई?
पुलिस अब इस मामले की तह तक जाने के लिए तस्करी के पीछे के नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है। वाहन चालक विश्वजीत दलाई से पूछताछ कर यह पता लगाया जाएगा कि इन बैलों को कहां ले जाया जा रहा था और इसके पीछे कौन लोग शामिल हैं।
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