राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर में दिखा छात्रों का जोश, जानें कैसे मनाया गया यह खास दिन!

घाटशिला के संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर में 23 अगस्त 2024 को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। जानें इस आयोजन की खास बातें।

Aug 24, 2024 - 12:15
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर में दिखा छात्रों का जोश, जानें कैसे मनाया गया यह खास दिन!
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर में दिखा छात्रों का जोश, जानें कैसे मनाया गया यह खास दिन!

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर में विशेष कार्यक्रम, छात्रों ने दिखाई अपनी प्रतिभा

23 अगस्त 2024, शुक्रवार को घाटशिला के संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। यह खास आयोजन सुबह विशेष प्रार्थना सभा के साथ शुरू हुआ। इस दौरान विद्यालय की प्रिंसिपल श्रीमती नीलकमल सिन्हा ने छात्रों को संबोधित किया और अंतरिक्ष अन्वेषण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।

विद्यालय के प्रबंधक, डॉ. प्रसंजित कर्मकार ने भी छात्रों को देश की उपलब्धियों पर गर्व करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में जो मुकाम हासिल किया है, वह हम सभी के लिए गर्व की बात है।

आयोजन की गतिविधियाँ और छात्र योगदान

प्रार्थना सभा के बाद, कार्यक्रम में कई रोचक गतिविधियों का आयोजन किया गया। शिक्षिका सुशमा बिशयी ने एक प्रेरणादायक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने इसरो की अद्वितीय उपलब्धियों और भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में योगदान की चर्चा की। कक्षा 12 के छात्र तरुण शॉ ने भी इस अवसर पर एक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने युवाओं की भावनाओं को व्यक्त किया।

इसके बाद, कक्षा 8 के छात्रों को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के लिए भारत सरकार द्वारा लॉन्च किया गया एक विशेष वीडियो दिखाया गया। इस वीडियो के माध्यम से छात्रों को अंतरिक्ष के बारे में अधिक जानने का मौका मिला।

इसके बाद, मेघा शर्मा और अविनाश शॉ, जो युविका कार्यक्रम के तहत इसरो का दौरा कर चुके हैं, ने अपने अनुभव साझा किए। छात्रों ने उनकी कहानियों को बड़ी दिलचस्पी के साथ सुना और अंतरिक्ष के बारे में नई जानकारियाँ हासिल कीं।

प्रतियोगिताओं और प्रदर्शनी ने बढ़ाया आकर्षण

कक्षा 7 के छात्रों के लिए अंतरिक्ष पर एक ज्ञानवर्धक क्विज का आयोजन किया गया। वहीं, कक्षा 9 के छात्रों ने "भारत की अंतरिक्ष यात्रा: इसरो को श्रद्धांजलि" विषय पर एक चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लिया। छात्रों ने अपनी कला के माध्यम से भारत की अंतरिक्ष यात्रा को जीवंत कर दिया।

कक्षा 6 से 12 के छात्रों ने एक विशेष प्रदर्शनी में भाग लिया, जिसमें चंद्रयान, आदित्य L1 और विक्रम लैंडर II के मॉडल प्रदर्शित किए गए। इन मॉडलों को छात्रों ने स्वयं बनाया था, जिसमें अविनाश शॉ, अरुष चंद्र ठाकुर, सचेत अग्रवाल, कृष्णा अग्रवाल, श्रेया महापात्रा, नारायण पात्रा और रुद्र मजूमदार शामिल थे। उनकी रचनात्मकता और विज्ञान की समझ इस प्रदर्शनी में स्पष्ट रूप से दिखाई दी।

कार्यक्रम में और भी रोमांच जोड़ते हुए, कक्षा 8 के दो छात्रों, जिग्नेश शिव और कौशिक इंद्री ने अंतरिक्ष यात्रियों के रूप में पोशाक पहनी। उनकी इस प्रस्तुति ने सभी छात्रों को बहुत प्रभावित किया और उन्हें एक अद्वितीय अनुभव प्रदान किया।

शिक्षकों और आयोजनकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका

इस कार्यक्रम की सफलता में विज्ञान शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान रहा। शिक्षिका सुशमा बिशयी, श्री सुबहो शेखर जाना, श्री स्वराज राणा, श्रीमती फरजाना परवीन, श्रीमती इंदु कुमारी, श्रीमती सुमिता भट्टाचार्य, श्री तपन महता, श्री जी एस सोखेय, श्री सोमनाथ डे, श्रीमती अर्पिता गोस्वामी, श्री अर्पा भट्टाचार्य, श्रीमती गुरदीप कौर, श्रीमती संध्या मिश्रा, श्रीमती सस्वती रॉय पटनायक और सुश्री सरिता मुदलियार ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कार्यक्रम का समन्वयन श्री अनुप कुमार पटनायक द्वारा किया गया था। प्रधानाचार्या और प्रबंधक के नेतृत्व और प्रोत्साहन ने इस आयोजन को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का यह आयोजन छात्रों के लिए एक प्रेरणा स्रोत था। इससे छात्रों को न केवल अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में ज्ञान प्राप्त हुआ, बल्कि उन्होंने अपनी रचनात्मकता और प्रतिभा को भी प्रदर्शित किया। इस तरह के आयोजनों से छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि और उत्साह बढ़ता है, जो उनके भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें छात्रों के संपूर्ण विकास का समावेश होना चाहिए। इस प्रकार के कार्यक्रमों से छात्रों को सीखने का अवसर मिलता है और वे देश के भविष्य के लिए तैयार होते हैं।

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।