Sakchi Attack: दिनदहाड़े संजय मार्केट में 100 से ज्यादा गुंडों का हमला! पिस्तौल दिखाकर ₹22 हजार लूटे
जमशेदपुर के साकची संजय मार्केट स्थित हनुमान मंदिर के पास शुक्रवार को 100 से अधिक युवकों ने दुकानदारों पर हमला कर दिया। एक दिन पहले के मामूली विवाद को लेकर हुए इस हमले में मोबाइल और कपड़ा दुकान संचालक घायल हुए, और ₹22 हजार लूटे गए। तीन हमलावर पकड़े गए; व्यापारियों ने सुरक्षा पर सवाल उठाए।

जमशेदपुर के सबसे व्यस्त व्यापारिक केंद्र साकची संजय मार्केट में शुक्रवार को उस वक्त अफरातफरी और दहशत का माहौल छा गया, जब 100 से भी ज्यादा युवकों ने दिनदहाड़े बाजार पहुंचकर दुकानदारों पर संगठित हमला बोल दिया। यह हमला न केवल कानून-व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि शहर के असामाजिक तत्वों में पुलिस का खौफ पूरी तरह खत्म हो चुका है।
साकची मार्केट, जहां हजारों लोग हर दिन खरीदारी के लिए आते हैं, वहां इस तरह का सामूहिक और हिंसक हमला कल्पना से परे है। यह घटना हमें उस इतिहास की याद दिलाती है जब शहर में गुंडागर्दी और रंगदारी का बोलबाला हुआ करता था। व्यापारी वर्ग का कहना है कि अगर भीड़ भरे इलाके में भी उन्हें सुरक्षा की गारंटी नहीं है, तो वे व्यवसाय कैसे करेंगे?
दुकान लगाने के मामूली विवाद ने लिया खूनी रूप
यह पूरी वारदात एक दिन पहले हुए मामूली विवाद की वजह से शुरू हुई। पीड़ित नितिन श्रीवास, जो मोबाइल दुकान संचालक हैं, उन्होंने बताया कि एक दिन पहले उनकी राज सिंह के स्टाफ से दुकान लगाने को लेकर कहासुनी हुई थी, जिसे मौके पर ही सुलझा लिया गया था।
लेकिन राज सिंह ने इस विवाद को खत्म नहीं होने दिया। शुक्रवार को, नितिन अपनी दुकान पर बैठे थे, तभी कुछ युवक आए और गाली-गलौज करने लगे। थोड़ी ही देर में 100 से भी ज्यादा युवक जुट गए और उन्होंने अचानक हमला कर दिया।
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हथियारबंद हमलावर: नितिन के अनुसार, हमलावरों के पास पिस्तौल और धारदार हथियार थे। उन्होंने मारपीट के दौरान नितिन के पिता राजू श्रीवास से ₹22 हजार रुपये भी छीन लिए।
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पीड़ित: इस हमले में मोबाइल दुकान संचालक नितिन श्रीवास, कपड़ा दुकान संचालक अमृत और उनके पिता गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि नितिन के पिता राजू श्रीवास को भी हल्की चोटें आईं।
घटना से बाजार में गहरी दहशत फैल गई। दुकानदार अपनी जान बचाने के लिए दुकानें बंद कर भागने लगे, जिससे कुछ ही मिनटों में पूरा व्यस्त बाजार वीरान हो गया।
साहस से पकड़े गए तीन हमलावर
हमले को अंजाम देने के बाद अधिकांश हमलावर मौके से फरार हो गए। हालांकि, इस आतंक के माहौल के बीच, स्थानीय दुकानदारों ने साहस दिखाया। उन्होंने भाग रहे तीन युवकों को पकड़ लिया और तुरंत उन्हें साकची थाना पुलिस के हवाले कर दिया। पकड़े गए युवकों से पूछताछ में ही राज सिंह का नाम सामने आया, जिस पर हमलावरों का नेतृत्व करने का आरोप है।
पुलिस ने तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने हमलावरों की धरपकड़ का दावा किया है, लेकिन व्यापारी वर्ग में आक्रोश है। उन्होंने पुलिस से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने और बाजार क्षेत्र में नियमित सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है।
व्यापारी संघ का कहना है कि यह घटना साकची की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है। अगर इस तरह की गुंडागर्दी पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो व्यापारी वर्ग को व्यवसाय करना मुश्किल हो जाएगा।
आपकी राय में, व्यस्त बाजारों में इस तरह के भीड़ भरे हमलों को रोकने के लिए पुलिस को कौन सी स्थायी चौकसी व्यवस्था लागू करनी चाहिए?
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