Ranchi Court: पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस को बड़ा झटका, डिस्चार्ज याचिका खारिज

रांची एमपी/एमएलए कोर्ट ने आजसू नेता और पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस की डिस्चार्ज याचिका खारिज कर दी है। जानें पूरा मामला और अब आगे क्या होगा।

Sep 1, 2025 - 18:57
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Ranchi Court: पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस को बड़ा झटका, डिस्चार्ज याचिका खारिज
Ranchi Court: पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस को बड़ा झटका, डिस्चार्ज याचिका खारिज

Ranchi Court News: झारखंड की राजनीति में हलचल बढ़ाने वाली बड़ी खबर रांची से सामने आई है। मुख्यमंत्री आवास घेराव मामले में नामजद आरोपी पूर्व मंत्री और आजसू (AJSU) नेता रामचंद्र सहिस को बड़ा झटका लगा है। उनकी ओर से दाखिल की गई डिस्चार्ज याचिका को एमपी/एमएलए विशेष अदालत ने खारिज कर दिया है।

 क्या है मामला?

दरअसल, साल 2021 में मुख्यमंत्री आवास घेराव को लेकर यह विवाद खड़ा हुआ था। उस दौरान आजसू कार्यकर्ताओं और नेताओं पर आरोप लगा था कि उन्होंने आंदोलन के दौरान उग्र प्रदर्शन किया। इसी मामले में उस समय के ओरमांझी के सीओ विजय केरकेट्टा ने 8 सितंबर 2021 को लालपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

इसमें कई बड़े नेताओं के नाम शामिल थे, जिनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री और आजसू प्रमुख सुदेश महतो तथा सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी भी थे।

 कोर्ट की प्रक्रिया

रामचंद्र सहिस ने खुद को निर्दोष बताते हुए 13 मई 2024 को डिस्चार्ज याचिका दाखिल की थी। कोर्ट में उन्होंने दलील दी कि इस मामले में उनका कोई सीधा संबंध नहीं है और राजनीतिक कारणों से उनका नाम घसीटा गया है।

हालांकि, अदालत ने सभी दलीलें सुनने के बाद 19 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और अब याचिका को खारिज कर दिया

यही नहीं, इससे पहले सुदेश महतो और सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी की डिस्चार्ज याचिका भी अदालत खारिज कर चुकी है।

 अब आगे क्या होगा?

कानूनी जानकारों के मुताबिक, अब अदालत आरोप गठन (Framing of Charges) की प्रक्रिया शुरू करेगी। यानी अब मामले का ट्रायल आगे बढ़ेगा और आरोपियों को कोर्ट में पेश होना पड़ेगा।

इस फैसले के बाद झारखंड की राजनीति में नई हलचल मच गई है, क्योंकि आजसू के बड़े नेताओं को लगातार कोर्ट से राहत नहीं मिल रही है।

झारखंड राजनीति पर असर

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बड़ा मुद्दा बन सकता है। विपक्षी दल इसे सरकार के खिलाफ दमन बताकर जनता के बीच ले जाएंगे, वहीं सत्तारूढ़ दल इसे कानून की जीत और न्यायिक प्रक्रिया की मजबूती के तौर पर पेश करेगा।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।