Ranchi: Bank of India ने अनाथालय में गरीब बच्चों को दिए गर्म कपड़े, जानें इस नेक कार्य के बारे में!
Description: Bank of India ने रांची के माहेर अनाथालय में गरीब बच्चों के बीच गर्म कपड़े बांटे। जानें इस नेक कार्य की पूरी कहानी और बैंक की सामाजिक पहल के बारे में!
रांची (Ranchi): बैंक ऑफ इंडिया, रांची जोन ने माहेर अनाथालय में गरीब और असहाय बच्चों के बीच गर्म कपड़े बांटकर एक मिसाल पेश की है। यह सामाजिक जिम्मेदारी के तहत किया गया कार्य रांची स्थित बीओआई टांगर शाखा द्वारा आयोजित किया गया। इस पहल का उद्देश्य सर्दियों में बच्चों को गर्म रखने के साथ-साथ समाज में सकारात्मक बदलाव लाना था।
बैंक की यह पहल एक बड़े समाजिक उत्थान के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए की गई, जहां सर्दियों के मौसम में जरूरतमंद बच्चों को गर्म कपड़े प्रदान किए गए। इस नेक कार्य में बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक मनोज कुमार की पत्नी स्वपन मलिका, सीमा सिंह, मुख्य प्रबंधक अनुराग वर्मा, टांगर शाखा प्रबंधक रूपेश कुमार, अभिषेक श्रीवास्तव, और मुक्ति महतो समेत कई बैंक कर्मी शामिल हुए।
महाप्रबंधक मनोज कुमार का योगदान
महाप्रबंधक मनोज कुमार ने इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पहल सिर्फ एक छोटी सी कोशिश है, लेकिन समाज में बड़ा बदलाव लाने की दिशा में एक अहम कदम हो सकता है। इस दौरान उन्होंने स्वपन मलिका और बैंक के अन्य कर्मियों का धन्यवाद किया, जिन्होंने इस कार्य को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
माहेर अनाथालय में आयोजित कार्यक्रम
सोमवार को माहेर अनाथालय में आयोजित इस कार्यक्रम में गरीब बच्चों के लिए गर्म कपड़े, स्वेटर, ऊनी टोपियां, और अन्य सर्दी से बचने वाले सामान बांटे गए। यह अनाथालय रांची के टांगर क्षेत्र में स्थित है, और यहां बच्चों की देखभाल और उनकी शिक्षा-दीक्षा की जाती है।
इस कार्यक्रम का आयोजन बीओआई टांगर शाखा द्वारा किया गया, और यहां की शाखा प्रबंधक रूपेश कुमार ने बताया कि बैंक ऑफ इंडिया का यह कदम सामाजिक दायित्व को निभाने के साथ-साथ बैंक के कर्मचारियों के समाज सेवा के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है।
गरीबों के लिए बैंक की निरंतर पहल
बैंक ऑफ इंडिया ने इस प्रकार के कई कार्यक्रमों को पहले भी आयोजित किया है, जिसमें समाज के हर वर्ग के लिए सहायता प्रदान की जाती रही है। खासतौर पर गरीब बच्चों और अनाथालयों में रहने वाले बच्चों के लिए यह पहल बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि ऐसे बच्चों को अक्सर सर्दियों में कपड़ों की कमी होती है। बैंक की यह पहल वंचित वर्ग के बच्चों को सर्दी से बचाने का एक तरीका बन गई है।
बैंक कर्मियों की भागीदारी
इस आयोजन में बैंक कर्मियों की भागीदारी ने इसे और भी सफल बना दिया। सीमा सिंह और अनुराग वर्मा जैसे वरिष्ठ अधिकारियों ने इस नेक कार्य में सक्रिय रूप से भाग लिया और कार्यक्रम को पूरी तरह से व्यवस्थित किया। इसके साथ ही अभिषेक श्रीवास्तव और मुक्ति महतो ने बच्चों को गर्म कपड़े बांटने का कार्य किया, जिससे बैंक के सभी कर्मियों का समाज में सकारात्मक योगदान देखा गया।
समाज सेवा का संदेश
बैंक ऑफ इंडिया के इस पहल का संदेश यह है कि हर संस्था को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभानी चाहिए और समाज के कमजोर वर्ग की मदद करनी चाहिए। इस प्रकार के कार्यक्रम सामाजिक उत्थान की दिशा में एक बड़ा कदम हैं, जो समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणा का काम करते हैं।
इसके अलावा, बैंक ने इस आयोजन के माध्यम से यह भी साबित किया कि कॉर्पोरेट समाजिक जिम्मेदारी (CSR) केवल एक कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह समाज में वास्तविक बदलाव लाने का एक तरीका है।
आगे की योजनाएं और प्रयास
बैंक ऑफ इंडिया की यह पहल केवल एक शुरुआत है। आने वाले समय में बैंक और भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहा है, जो समाज में बदलाव लाने के साथ-साथ वंचित वर्ग के बच्चों और अन्य जरूरतमंद लोगों की मदद करें। बैंक की ओर से आगामी महीनों में आधिकारिक सहायता और दान कार्यक्रमों की योजना भी बनाई जा रही है।
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