Ranchi Scam: खाते से उड़ाए ₹1.90 लाख! रांची में 'ब्लैंक चेक' से बैंक धोखाधड़ी का बड़ा मामला, CA और बैंक कर्मचारी पर साजिश का गंभीर आरोप, पीएनबी में मचा हड़कंप
रांची के लालपुर थाना क्षेत्र में पीएनबी लालपुर शाखा की खाताधारक दीपशिखा ने अपने खाते से ₹1.90 लाख की धोखाधड़ी का FIR दर्ज कराया है। आरोप है कि चार्टर्ड अकाउंटेंट आकाश कुमार झंडई ने लोन के नाम पर लिए ब्लैंक चेक का इस्तेमाल किया और बैंक कर्मियों ने तारीख में ओवरराइटिंग और बिना सिग्नेचर के भुगतान किया।
झारखंड की राजधानी रांची के लालपुर थाना क्षेत्र से बैंकों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करने वाला एक सनसनीखेज धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। यहां एक निडर महिला ने सीधे बैंक प्रबंधक और कर्मचारियों पर साजिश के तहत अपने खाते से ₹1.90 लाख निकालने का गंभीर आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराई है। इस मामले में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की भूमिका ने मामले को और भी पेचीदा बना दिया है।
भारत में बैंकों के माध्यम से धोखाधड़ी का इतिहास पुरानी जड़ें रखता है, लेकिन जब सीधे बैंक के अंदरूनी लोगों पर साजिश का आरोप लगे, तो यह मामला केवल आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि सार्वजनिक विश्वास का कत्ल बन जाता है। पीड़िता दीपशिखा के बचाकर रखी गई राशि को धोखाधड़ी से निकाला जाना, उनकी पीड़ा को और बढ़ा देता है।
धोखाधड़ी का तरीका: ओवरराइटिंग और ब्लैंक चेक
इटकी की रहने वाली दीपशिखा का आरोप है कि उनके पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) लालपुर शाखा के खाते से ₹1,90,000 की राशि धोखाधड़ी कर निकाल ली गई। यह राशि पीएनबी मोरहाबादी शाखा के माध्यम से निकाली गई है।
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ओवरराइटिंग का खुलासा: FIR में बताया गया है कि भुगतान 01 अगस्त 2022 के एक पुराने चेक पर किया गया था, जिसकी तारीख में वर्ष 2022 को काटकर साफ तौर पर 2025 कर दिया गया था। इतनी गंभीर ओवरराइटिंग के बावजूद बैंक ने भुगतान कर दिया।
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बिना सिग्नेचर का भुगतान: महिला ने आरोप लगाया है कि जिस चेक पर भुगतान हुआ, उसमें उनका सिग्नेचर भी नहीं था। यह बैंक के बुनियादी भुगतान नियमों का खुला उल्लंघन है।
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अलर्ट नहीं: सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इतनी बड़ी राशि के भुगतान के लिए पीएनबी मोरहाबादी शाखा की ओर से महिला को न तो कोई कॉल आया और न ही कोई अलर्ट मैसेज भेजा गया।
CA और बैंक कर्मचारियों की 'मिलीभगत'
इस धोखाधड़ी के पीछे पीड़िता ने चार्टर्ड अकाउंटेंट आकाश कुमार झंडई और पीएनबी मोरहाबादी शाखा के कर्मचारी सुनील केरकेट्टा पर प्रत्यक्ष रूप से शामिल होने का आरोप लगाया है।
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CA का कब्ज़ा: दीपशिखा के अनुसार, 2022 में आकाश झंडई ने उनकी बहन का एजुकेशन लोन पास कराने के नाम पर उनसे चार से पांच ब्लैंक चेक लिए थे। वही बिना सिग्नेचर का चेक धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किया गया। आकाश ने लगातार टालमटोल करते हुए ये चेक कभी वापस नहीं किए।
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कर्मचारी की भूमिका: पीड़िता का आरोप है कि शाखा कर्मचारी सुनील केरकेट्टा की मिलीभगत रही है, क्योंकि भुगतान की पूरी प्रक्रिया उन्होंने ही पूरी की। जिस 'महादेवा' नाम के खाते में राशि स्थानांतरित की गई है, उसका प्रोप्राइटर स्वयं आकाश कुमार झंडई है।
जब महिला शिकायत लेकर शाखा पहुँची, तो उसे सहयोग नहीं मिला, बल्कि उसे डांटकर भगा दिया गया। दीपशिखा ने बताया कि यह राशि उनके पिता की मृत्यु के बाद उनकी शादी के लिए बचाई गई थी। इस सदमे से उनकी बीमार माँ का स्वास्थ्य भी और बिगड़ गया है। पीड़िता ने लालपुर थाना पुलिस से आरोपी CA, बैंक प्रबंधक और संबंधित कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
आपकी राय में, बैंकों को धोखाधड़ी से बचने और खाताधारकों का विश्वास बनाए रखने के लिए चेक भुगतान की प्रक्रिया में कौन से दो कड़े सुरक्षा नियम तुरंत लागू करने चाहिए?
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