रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन ने मनाया छठा स्थापना दिवस, भारतीय ज्ञान पद्धति पर केंद्रित कार्यशाला का आयोजन

रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन ने अपने छठे स्थापना दिवस पर ‘इंडियन नॉलेज सिस्टम और नैक बायनरी सिस्टम’ पर केंद्रित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया।

Aug 30, 2024 - 18:10
Aug 30, 2024 - 18:12
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रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन ने मनाया छठा स्थापना दिवस, भारतीय ज्ञान पद्धति पर केंद्रित कार्यशाला का आयोजन
रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन ने मनाया छठा स्थापना दिवस, भारतीय ज्ञान पद्धति पर केंद्रित कार्यशाला का आयोजन

जमशेदपुर स्थित रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन ने अपने छठे स्थापना दिवस का भव्य आयोजन गितिलता परिसर में किया। इस खास मौके पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला ‘इंडियन नॉलेज सिस्टम और नैक बायनरी सिस्टम’ का शुभारंभ हुआ, जिसमें शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े कई प्रतिष्ठित विद्वानों ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कोल्हान विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. राजेंद्र भारती मौजूद थे, जबकि सम्मानित अतिथि के तौर पर पूर्व वित्त पदाधिकारी डॉ. प्रभात कुमार पाणी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसके अलावा ओडिशा से आए शिक्षाविद् डॉ. दिलीप मंगराज, बिहार के रामाधार टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अजीत पांडे, स्वामी विवेकानंद कॉलेज ऑफ एजुकेशन के चेयरमैन सुब्रतो विश्वास और कॉलेज की अध्यक्षा रंभा देवी भी इस अवसर पर मौजूद थे।

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में डॉ. राजेंद्र भारती ने अपने संबोधन में उच्च शिक्षा में हो रहे परिवर्तनों पर जोर देते हुए कहा कि नैक के नए बायनरी सिस्टम और भारतीय शिक्षा पद्धति की जानकारी सभी के लिए आवश्यक है। उन्होंने इस कार्यशाला को एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में नया दृष्टिकोण प्रदान करेगी।

डॉ. प्रभात पाणी ने भारतीय ज्ञान पद्धति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के भौतिकवादी और तनावपूर्ण जीवन में योग, वैदिक गणित, भारतीय दृष्टिकोण और आत्म प्रबंधन की जानकारी बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान पद्धति, ज्ञान-विज्ञान और जीवन दर्शन का संगम है, जो अनुभव, निरीक्षण और प्रयोग पर आधारित है।

ओडिशा के शिक्षाविद् डॉ. दिलीप मंगराज ने इस अवसर पर कहा कि भारतीय शिक्षा में जीवन का मूलभूत सार निहित है। यह शिक्षा हमें आत्म प्रबंधन और उन्नयन की ओर ले जाती है, जो कि व्यक्तित्व विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने छात्रों के साथ विभिन्न विचार मंथन सत्र भी आयोजित किए, जिसमें कक्षा सात की हिंदी पुस्तक के पाठ ‘मिठाईवाला’ पर आधारित प्रश्नोत्तरी भी शामिल थी।

कार्यक्रम के दौरान, संस्थान के चेयरमैन रामबचन ने कॉलेज की स्थापना से लेकर अब तक की यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। सचिव गौरव बचन ने सभी उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि कॉलेज शिक्षा के क्षेत्र में नए मापदंड स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर कॉलेज की मैगजीन ‘आरंभ 2024’ और ‘कॉलेज ध्वज’ का भी विमोचन किया गया।

कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को पौधा, उत्तरीय और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस महत्वपूर्ण आयोजन में कॉलेज की प्राचार्या डॉ. कल्याणी कबीर, असिस्टेंट प्रोफेसर शीतल कुमारी, लेक्चरर रश्मि लुगून, डॉ. गंगा भोल, डॉ. सुमन लता, असिस्टेंट प्रोफेसर ऐश्वर्या कर्मकार, छात्रा श्रेया रॉय, सुदीप्ता प्रधान, सुनीता बारी, रीता तंतुबाई समेत अन्य उपस्थित थे।

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Chandna Keshri चंदना केशरी, जो गणित-विज्ञान में इंटरमीडिएट हैं, स्थानीय खबरों और सामाजिक गतिविधियों में निपुण हैं।