परमहंस पब्लिकेशन का डंका बजवाऊँगी - रौशनी अरोड़ा 'रश्मि' जी, ग्रेटर नॉएडा ,उत्तर प्रदेश
रौशनी अरोड़ा 'रश्मि' जी का जन्म 6 दिसंबर 1978 को हुआ। वह ग्रेटर नोएडा में रहती हैं और मैट्रिक तक शिक्षित हैं। उनकी साहित्यिक कृतियों में "मैं और मेरे विचार" प्रमुख है, और उनकी रचनाएँ 12-14 साझा संकलनों में प्रकाशित हुई हैं। रौशनी जी ने 7 एकल संग्रह और 6 साझा संकलनों का सम्पादन भी किया है। साहित्य लेखन और गायन के साथ-साथ सिलाई-कढ़ाई, बुनाई में भी उनकी विशेष रूची है। उन्हें 10-15 प्रशस्ति पत्रों से सम्मानित किया गया है और उनकी रचनाएँ विभिन्न शहरों के इश्तहारों में प्रकाशित होती रहती हैं।
परमहंस पब्लिकेशन का डंका बजवाऊँगी
चाहे कितना भी संघर्ष करना पड़े,
जीवन में सफ़ल खुदको बनाऊँगी।
सुनो मैं तो जीतोड़ परिश्रम करूँगी,
जीवन में हिम्मत कभी भी न हारूँगी।।
अपनी ही बुद्धि-बल के दम पर,
मैं तो पग-पग आगे बढ़ती रहूँगी।
आएँ पथ में कितनी ही मुश्किलें,
डटकर सामना मैं उनका करूँगी।।
साहित्य जगत का मैं भी इकदिन,
देखो अब नायाब सितारा बनूँगी।
अपने मात-पिता व हमसफ़र का,
जग में नाम रौशन करती रहूँगी।।
सभी साहित्यकारों की जुबांँ पर,
मेरी प्रशांसाओं का बखान होगा।
जहाँ-जहाँ भी मैं जाया करूँगी,
वहाँ-वहाँ पर मेरा सम्मान होगा।।
अपने कार्य से प्रसन्न सबको करूँगी,
दिलों में सबके मैं तो वास करूँगी।
परमहंस पब्लिकेशन का चहुँ ओर,
जहाँ में इकदिन मैं डंका बजवाऊँगी।।
मिलेगी तभी तो मेरे इस दिल को,
संसार में देखो कितनी खुशी अपार।
करूँ सदा अपनी रचनाओं के माध्यम से,
विश्व में हिन्दी साहित्य का प्रचार।।
हिन्दी बोलो, पढ़ो-लिखो व गाओ,
संदेश जन-जन तक ये पहुँचाऊँगी।
सबके संग मिलकर अब मैं रौशनी,
विश्वभर में वर्चस्व हिन्दी का बनाऊँगी।।
लेखिका एवं प्रकाशिका :
रौशनी अरोड़ा 'रश्मि' जी
ग्रेटर नॉएडा उत्तर प्रदेश
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