Nawada Legal Action : खनन पदाधिकारी की मुश्किलें बढ़ीं, अदालत ने वेतन पर लगाई रोक, कर्तव्यहीनता का आरोप

नवादा में जिला खनन पदाधिकारी के वेतन निकासी पर अदालत ने रोक लगाई। कर्तव्यहीनता और आदेश की अवहेलना के आरोप में यह फैसला।

Dec 8, 2024 - 15:08
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Nawada Legal Action : खनन पदाधिकारी की मुश्किलें बढ़ीं, अदालत ने वेतन पर लगाई रोक, कर्तव्यहीनता का आरोप
Nawada: खनन पदाधिकारी की मुश्किलें बढ़ीं, अदालत ने वेतन पर लगाई रोक, कर्तव्यहीनता का आरोप

नवादा जिले के खनन पदाधिकारी के लिए एक बड़ी समस्या सामने आई है। अदालत ने उनके वेतन निकासी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। यह आदेश सप्तम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश विवेक विशाल ने दो अग्रीम जमानत आवेदन की सुनवाई के दौरान दिया। न्यायाधीश ने खनन पदाधिकारी पर अदालत के आदेश की अवहेलना और घोर लापरवाही का आरोप लगाया है।

घटना का विवरण और आरोप

यह मामला तब सामने आया जब खनन निरीक्षक अपूर्व सिंह ने गुप्त सूचना के आधार पर रजौली थाना क्षेत्र के धनार्जय नदी के बभनी घाट पर छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान अवैध रूप से बालू ढुलाई में शामिल तीन ट्रैक्टरों को जप्त किया गया और एक ट्रैक्टर चालक को गिरफ्तार किया गया। इस घटना के बाद रजौली थाना कांड संख्या-397/24 दर्ज किया गया था। यह घटना 14 अगस्त 2024 को हुई थी।

अदालत की कार्रवाई और खनन पदाधिकारी की लापरवाही

कांड के अभियुक्त गुजरी देवी, संजय कुमार, और लालु कुमार की ओर से अग्रीम जमानत आवेदन दाखिल किया गया। सुनवाई के दौरान अदालत ने खनन पदाधिकारी से सरकारी राजस्व की क्षति पर एक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने की मांग की। हालांकि, खनन पदाधिकारी ने न तो अदालत में कोई प्रतिवेदन पेश किया और न ही ऐसा न करने का कोई उचित कारण बताया।

इस पर अदालत ने पाया कि खनन पदाधिकारी के द्वारा न्यायालय के प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाया गया। उनके लापरवाह रवैये और कर्तव्यहीनता के चलते अदालत ने उनके वेतन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया।

इतिहास में खनन विभाग की भूमिका और जिम्मेदारी

खनन विभाग का इतिहास नवादा जिले में बहुत पुराना है। यह विभाग स्थानीय विकास और राजस्व संग्रहण में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन अवैध खनन और कर्तव्यहीनता जैसे मुद्दे विभाग की छवि को प्रभावित करते हैं। ऐसी घटनाओं से यह संदेश जाता है कि सरकारी अधिकारियों को अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीर रहना चाहिए।

अदालत का फैसला और उसके प्रभाव

इस निर्णय से जहां एक ओर खनन विभाग में सुधार की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर यह भी दर्शाता है कि अधिकारियों की लापरवाही के परिणाम गंभीर हो सकते हैं। अदालत का यह आदेश न केवल खनन पदाधिकारी के लिए चेतावनी है, बल्कि पूरे प्रशासन के लिए एक सबक है कि हर कार्य को ईमानदारी और जिम्मेदारी से किया जाए।

नवादा के खनन विभाग में यह घटना एक गंभीर संदेश देती है कि सरकारी अधिकारी अपने कर्तव्यों में लापरवाह नहीं रह सकते। अदालत का फैसला इस बात की याद दिलाता है कि कानून और आदेश के प्रति सम्मान हर नागरिक और अधिकारी की जिम्मेदारी है। इस तरह की घटनाएं प्रशासनिक सुधारों की आवश्यकता को भी रेखांकित करती हैं।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।