मकर संक्रांति आई - मंजूषा दुग्गल करनाल (हरियाणा)

Jan 14, 2025 - 13:36
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मकर संक्रांति आई  - मंजूषा दुग्गल करनाल (हरियाणा)
मकर संक्रांति आई - मंजूषा दुग्गल करनाल (हरियाणा)

मकर संक्रांति आई

मकर संक्रांति सांस्कृतिक त्योहार
लोगों में छाया हर्ष, उमंग व उल्लास 
तिल गुड़ व मक्के की ख़ुशबू भाती 
खाते ही मुख पर आती मुस्कान ख़ास।

पंजाब में माघी कहें, असम में बिहू
तमिलनाडु में पोंगल ,बिहार में संक्रांति 
हर चेहरे पर झलकता त्योहार का नूर 
धन धान्य भरपूर हो,मिले मन को शांति।

कहीं तिलकुट,कहीं खिचड़ी की महक
उल्लसित मन और पक्षियों की चहक 
रंग-बिरंगी पतंगों से घिरा नील गगन 
बच्चे सभी हुए अब छतों पर ही मगन।

शीतल हवाओं की रवानी का समाँ 
कभी हल्की धूप भाए कभी ठंडी हवा 
ओस की बूँदों से चमकें हरित तृण
संस्कृति का महत्व दर्शाए ये दिन।

स्नान-दान व पूजा पाठ का शुभारंभ 
काले उड़द व तिल दान का संबंध 
सूर्य भगवान की करते सभी उपासना
पूजा अर्चना से होती पूर्ण मनोकामना।

ऋषि मुनि देते संसार को ये संदेश 
तम मिटा प्रकाश का हुआ समावेश 
पुराणों व उपनिषदों में किया वर्णित 
मंगलमय जीवन करें मकर संक्रांति।

शिक्षिका/ कवयित्री/लेखिका
मंजूषा दुग्गल

करनाल (हरियाणा)

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।