Lucknow Uniform: सर्दी की नई ड्रेस से बढ़ी परेशानी, कीमतों में उछाल
लखनऊ के निजी स्कूलों में सर्दी की यूनिफॉर्म की कीमतों में 500-1000 रुपये की बढ़ोतरी ने अभिभावकों की नाराजगी बढ़ा दी। जानिए, बढ़े दाम और नई नीतियों का असर।
लखनऊ: सर्दी की नई यूनिफॉर्म को लेकर लखनऊ के निजी स्कूलों के फैसले ने अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यूनिफॉर्म की कीमतों में 500 से 1000 रुपये तक की बढ़ोतरी और इसके लिए सिर्फ एक दुकान को अधिकृत करने से अभिभावकों में नाराजगी का माहौल है।
गोमतीनगर के एक प्रमुख स्कूल ने प्राइमरी, जूनियर और सीनियर सेक्शन के लिए अलग-अलग सर्दी की यूनिफॉर्म अनिवार्य कर दी है। इसके अलावा, गर्मी और शनिवार की हाउस यूनिफॉर्म भी अलग रखी गई है।
बढ़े दाम और घटिया गुणवत्ता ने बढ़ाई समस्या
यूनिफॉर्म केवल पत्रकारपुरम की एक नामित दुकान पर उपलब्ध है, जहां इसकी कीमतें आसमान छू रही हैं।
- ब्लेजर और जैकेट: 100 से 300 रुपये महंगे।
- फुल शर्ट, पेट फ्रॉक, जूते: 50 से 100 रुपये तक की बढ़ोतरी।
- स्पोर्ट्स और हाउस ड्रेस: कीमतें 500-1000 रुपये अधिक।
अभिभावकों का आरोप है कि बढ़े हुए दाम के बावजूद यूनिफॉर्म की गुणवत्ता बेहद खराब है। कपड़े जल्दी खराब हो रहे हैं और उनकी फिटिंग भी सही नहीं है।
इतिहास: स्कूल यूनिफॉर्म और इसका उद्देश्य
स्कूल यूनिफॉर्म की शुरुआत 16वीं शताब्दी में इंग्लैंड से हुई। उद्देश्य था समानता और अनुशासन।
- भारत में यूनिफॉर्म: 19वीं शताब्दी के अंत में यूनिफॉर्म भारतीय स्कूलों में अनिवार्य की गई।
- यूनिफॉर्म का महत्व: छात्रों में अनुशासन और समानता बनाए रखना।
लेकिन, आज के समय में यूनिफॉर्म एक बड़ा व्यवसाय बन गया है। स्कूल अक्सर नामित विक्रेताओं से समझौता करते हैं, जिससे मूल्य निर्धारण पर अभिभावकों का कोई नियंत्रण नहीं रहता।
अभिभावकों की शिकायतें
अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों द्वारा किसी विशेष दुकान को अधिकृत करना उन्हें विकल्पहीन बना देता है।
- मोनोपॉली का आरोप: केवल एक दुकान पर यूनिफॉर्म बेचना।
- कपड़ों की गुणवत्ता: ऊंची कीमत के बावजूद गुणवत्ता में कमी।
- सहायता की कमी: शिकायतों पर स्कूल प्रशासन ध्यान नहीं देता।
गोमतीनगर निवासी रीना गुप्ता ने कहा,
"हम पहले ही बढ़ी हुई फीस से परेशान हैं। अब यूनिफॉर्म की कीमतें भी हमारी जेब पर बोझ डाल रही हैं।"
क्या कहते हैं स्कूल प्रशासन?
स्कूल प्रशासन का तर्क है कि नई यूनिफॉर्म सर्दी के मौसम में छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए जरूरी है।
- लेकिन, मूल्य वृद्धि पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया।
- स्कूल ने कहा कि वे गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नामित विक्रेता के साथ काम कर रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय
शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ मानते हैं कि स्कूलों को यूनिफॉर्म की कीमतों पर पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए।
- नियमित निरीक्षण: स्कूल प्रशासन को समय-समय पर यूनिफॉर्म की गुणवत्ता और कीमतों की जांच करनी चाहिए।
- अभिभावकों को विकल्प: एक से अधिक दुकानों को अधिकृत करना चाहिए ताकि मूल्य प्रतिस्पर्धा बनी रहे।
क्या कर सकते हैं अभिभावक?
- शिकायत दर्ज करें: जिला शिक्षा विभाग में अपनी शिकायत दर्ज करें।
- वैकल्पिक समाधान खोजें: अन्य दुकानों से समान यूनिफॉर्म खरीदने का प्रयास करें।
- संगठित होकर आवाज उठाएं: अन्य अभिभावकों के साथ मिलकर स्कूल प्रशासन से जवाब मांगें।
लखनऊ के स्कूलों द्वारा सर्दी की नई यूनिफॉर्म लागू करने का निर्णय अभिभावकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। बढ़ती कीमतें और घटिया गुणवत्ता के कारण यह सवाल उठता है कि क्या शिक्षा केवल लाभ कमाने का माध्यम बनकर रह गई है?
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