लोहरदगा, 13 नवंबर: झारखंड की राजनीति के एक महत्वपूर्ण स्तंभ, भाजपा के पूर्व विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री सधनू भगत का निधन हो गया है। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और हाल ही में छाती में दर्द के कारण उन्हें लोहरदगा के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसी अस्पताल में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। सधनू भगत के निधन की खबर ने पूरे लोहरदगा भाजपा संगठन में शोक की लहर फैला दी है, और क्षेत्र में उनके योगदान को लेकर लोग भावुक हो रहे हैं।
राज्य के नेताओं की प्रतिक्रिया
राज्य के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने सधनू भगत के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। जैसे ही उन्हें इस दुखद समाचार की सूचना मिली, वे तुरंत सधनू भगत के आवास पर पहुंचे और परिजनों से मिलकर अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं। भगत के निधन से झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण युग का अंत हुआ है। डॉ. उरांव ने कहा कि भगत जैसे नेता का जाना राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है।
सधनू भगत का राजनीतिक सफर
सधनू भगत का राजनीतिक सफर झारखंड की जमीन से जुड़ा था। उन्होंने साल 1995 में लोहरदगा से भाजपा के विधायक के रूप में राजनीति में कदम रखा और अपनी प्रभावशाली कार्यशैली से जनता का दिल जीता। उनकी लोकप्रियता ऐसी थी कि वे लगातार दो बार इस सीट से चुने गए और 2005 तक लोहरदगा के विधायक बने रहे। इस दौरान राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की सरकार में उन्हें सड़क परिवहन मंत्री का कार्यभार सौंपा गया था। भगत ने इस पद पर रहते हुए राज्य के विकास और सड़क नेटवर्क के सुधार के लिए कई कार्य किए।
झारखंड आंदोलन और जेएमएम से भाजपा तक का सफर
सधनू भगत का जुड़ाव झारखंड आंदोलन से रहा है, जहाँ से उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। झारखंड आंदोलन के समय वे झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के साथ जुड़े थे और इस दौरान झारखंड की जनता के हक के लिए उन्होंने आवाज उठाई। राज्य बनने के बाद वे भाजपा में शामिल हो गए और अपनी सेवाएं भाजपा के लिए देने लगे। उनका यह सफर उनकी अद्वितीय नेतृत्व क्षमता और जनता के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है।
प्रमुख नेताओं के साथ सहयोग
सधनू भगत का राजनीतिक करियर बेहद समृद्ध रहा है। उन्होंने झारखंड की राजनीति के दिग्गज नेताओं जैसे शिबू सोरेन, चंपाई सोरेन, बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा के साथ काम किया था। इनके साथ मिलकर भगत ने झारखंड की राजनीति में अहम भूमिका निभाई और कई सामाजिक मुद्दों पर मुखर रहे। उनकी नेतृत्व क्षमता और उनकी स्पष्टता ने उन्हें एक कुशल राजनीतिज्ञ के रूप में पहचान दिलाई।
अंतिम संस्कार की तैयारियाँ
सधनू भगत का अंतिम संस्कार उनके पैतृक आवास पर किया जाएगा। उनके निधन से न केवल लोहरदगा, बल्कि पूरे झारखंड में शोक की लहर है। उनके चाहने वालों और समर्थकों के लिए यह एक बड़ा झटका है। उनके निधन के बाद अब उनके अंतिम संस्कार की तैयारियाँ की जा रही हैं, जहाँ परिजन, समर्थक और पार्टी कार्यकर्ता उन्हें अंतिम विदाई देंगे।
सधनू भगत का निधन झारखंड की राजनीति के एक युग का अंत है। एक ऐसा नेता जिसने अपने कार्यों से लोगों के दिलों में जगह बनाई और जनता की भलाई के लिए हमेशा खड़ा रहा, आज उस महान आत्मा ने अंतिम विदाई ली। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और लोहरदगा की जनता उन्हें एक सच्चे जनसेवक के रूप में याद रखेगी।