Lohardaga Murder Mystery: बकरी चोरी या शराब का नशा? युवक की संदिग्ध मौत से हड़कंप!
लातेहार में सनसनीखेज घटना! बकरी चोरी के शक में युवक की हत्या, लेकिन मृतक के भाई ने किया बड़ा खुलासा। क्या यह भीड़ की गलती थी? पढ़ें पूरी खबर।

लातेहार में एक सनसनीखेज घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। शनिवार रात एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। आरोप बकरी चोरी का था, लेकिन मृतक के भाई ने चौंकाने वाला सच सामने रखा। जानिए इस रहस्यमयी घटना का पूरा सच!
बकरी चोरी या कुछ और?
झारखंड के लातेहार जिले के गोवा गांव में शनिवार रात एक दर्दनाक घटना घटी। 40 वर्षीय सलीम खान, जो मध्यप्रदेश के दांतिया का निवासी था, की ग्रामीणों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। आरोप था कि वह बकरी चोरी करने आया था, लेकिन उसके छोटे भाई जमील खान ने इस दावे को खारिज कर दिया। जमील का कहना है कि सलीम चोरी करने नहीं, बल्कि शराब पीने गया था।
इस घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस ने आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है और मामले की जांच जारी है।
तीन महीने पहले आया था सलीम
सलीम खान तीन महीने पहले अपने परिवार के साथ मजदूरी करने लातेहार के गोवा गांव आया था। वह गांव के ही गोविंद सिंह के ईंट भट्ठे में काम करता था।
गांव के कुछ लोगों का कहना है कि शुक्रवार की रात सलीम को देवकी सिंह, विनोद सिंह और अमरेश सिंह के घर में संदिग्ध रूप से घूमते देखा गया। उन्हें शक हुआ कि वह बकरी चोरी करने आया है, इसलिए उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया। देखते ही देखते ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई और सलीम को पकड़ लिया गया।
अस्पताल ले जाते समय तोड़ा दम
गांव के लोगों ने सलीम को पकड़कर उसकी जमकर पिटाई की, जिससे वह बुरी तरह जख्मी हो गया। किसी ने इस घटना की सूचना ईंट भट्ठा मालिक गोविंद सिंह को दी। उन्होंने तुरंत पुलिस को खबर दी।
सदर थाना प्रभारी दुलड़ चौड़े अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और गंभीर हालत में सलीम को अस्पताल ले जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
सलीम का असली इरादा क्या था?
घटना के बाद सलीम के छोटे भाई जमील खान ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने कहा कि "मेरा भाई बकरी चोरी करने नहीं गया था, बल्कि शराब पीने गया था। लेकिन कुछ लोगों ने उसे चोर कहकर शोर मचा दिया, जिससे भीड़ इकट्ठा हो गई और उसे पीट-पीटकर मार डाला।"
इस दावे ने इस पूरी घटना को और रहस्यमयी बना दिया है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या सच में सलीम चोरी करने आया था, या फिर वह गलतफहमी का शिकार हुआ?
झारखंड में ऐसे मामलों का इतिहास
झारखंड में इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं। अफवाहों के कारण भीड़ की हिंसा (mob lynching) के कई मामले सामने आ चुके हैं।
- 2017 में झारखंड के सरायकेला में बच्चा चोरी के शक में चार युवकों की हत्या कर दी गई थी।
- 2019 में तबरेज अंसारी का मामला भी खूब चर्चा में रहा, जब उसे चोरी के शक में भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया था।
- 2022 में भी गुमला जिले में पशु चोरी के आरोप में एक युवक को भीड़ ने निशाना बनाया था।
यह घटनाएं बताती हैं कि झारखंड में सिर्फ शक के आधार पर कार्रवाई करने की प्रवृत्ति लगातार बढ़ती जा रही है।
पुलिस की जांच जारी, गांव में तनाव
इस घटना के बाद लातेहार पुलिस ने आधा दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया है। गांव में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है और पुलिस लगातार नजर रख रही है।
थानेदार दुलड़ चौड़े ने बताया कि "हम हर एंगल से मामले की जांच कर रहे हैं। मृतक के शराबी होने की बात सामने आई है, लेकिन हम साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे।"
फिलहाल पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और दोषियों की पहचान करने में जुटी हुई है।
क्या कहती है यह घटना?
यह मामला सिर्फ एक आरोप और सच्चाई के बीच उलझ कर रह गया है। क्या सलीम वास्तव में चोरी करने गया था या फिर वह भीड़ के गुस्से का शिकार हुआ?
इस तरह की घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या समाज में अफवाहों के आधार पर किसी को दोषी ठहराना सही है? जब तक पुलिस की जांच पूरी नहीं होती, तब तक यह कहना मुश्किल होगा कि सलीम खान की मौत का असली कारण क्या था।
लेकिन इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भीड़ को खुद कानून हाथ में लेने का अधिकार है?
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