Sri Kartarpur Sahib Corridor : मोदी सरकार की ऐतिहासिक पहल, पाकिस्तान से शुल्क हटाने की मांग जारी

क्या पाकिस्तान 20 डॉलर सेवा शुल्क हटाने के भारत के आग्रह को मानेगा? अगर हटा दिया गया तो क्या यह भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों को सुधारने में मदद करेगा? क्या यह पहल सिख तीर्थयात्रियों की यात्रा को और सुगम बनाएगी?

Oct 23, 2024 - 22:32
Oct 23, 2024 - 22:33
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Sri Kartarpur Sahib Corridor : मोदी सरकार की ऐतिहासिक पहल, पाकिस्तान से शुल्क हटाने की मांग जारी
करतारपुर साहिब यात्रा: पाकिस्तान से शुल्क हटाने की भारत की मांग और मोदी सरकार की ऐतिहासिक पहल

भारत सरकार ने एक बार फिर पाकिस्तान से गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर की यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों पर लगाए गए 20 अमेरिकी डॉलर के सेवा शुल्क को हटाने का आग्रह किया है। तीर्थयात्रियों की ओर से बार-बार किए गए अनुरोधों के बाद, भारत सरकार ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया। भारत का यह आग्रह तीर्थयात्रियों के लिए गुरुद्वारा दरबार साहिब की यात्रा को सुलभ और सरल बनाने के प्रयासों का हिस्सा है, जो सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।

पाकिस्तान द्वारा 20 अमेरिकी डॉलर सेवा शुल्क का विवाद

समझौते के अनुसार, पाकिस्तान ने प्रत्येक तीर्थयात्री से 20 अमेरिकी डॉलर का सेवा शुल्क वसूलना शुरू किया था। यह शुल्क सिख तीर्थयात्रियों पर एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाल रहा था, जिनमें से अधिकांश सीमित संसाधनों वाले लोग होते हैं। तीर्थयात्रियों ने बार-बार इस सेवा शुल्क को हटाने की मांग की थी, और अब भारत सरकार ने उनके अनुरोध को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान से इसे हटाने का औपचारिक आग्रह किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत ने करतारपुर साहिब यात्रा को लेकर पाकिस्तान के साथ किए गए समझौते के नवीकरण की पहल की। यह समझौता अगले पांच वर्षों के लिए तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा दरबार साहिब तक यात्रा करने की सुविधा प्रदान करेगा। भारतीय जनता युवा मोर्चा के गोलमुरी मंडल के अध्यक्ष नवजोत सिंह सोहल ने इस समझौते के नवीकरण पर खुशी व्यक्त की और प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया।

श्री करतारपुर साहिब चौराहा समझौते का नवीकरण: पांच और वर्षों की सौगात

नवजोत सिंह सोहल  (भारतीय जनता युवा मोर्चा , गोलमुरी मंडल अध्यक्ष ) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि और सिख संगत के प्रति उनके गहरे सम्मान के कारण यह संभव हो सका है कि भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर साहिब यात्रा समझौते का नवीकरण किया गया। इससे सिख तीर्थयात्रियों को अगले पांच वर्षों तक गुरुद्वारा दरबार साहिब की यात्रा का अवसर मिलता रहेगा। सोहल ने इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया और इसे सिख समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया।

सिख समुदाय के लिए ऐतिहासिक पहल

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, करतारपुर साहिब की यात्रा को लेकर उठाए गए ये कदम सिख समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक पहल के रूप में देखे जा रहे हैं। यह पहल न केवल भारत-पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को मजबूत करती है, बल्कि यह धार्मिक स्वतंत्रता और सिख समुदाय के प्रति सरकार की गहरी प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित करती है।

पिछले वर्षों में, प्रधानमंत्री मोदी ने सिख संगत के हितों को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। करतारपुर साहिब तक सिख तीर्थयात्रियों के लिए इस विशेष कॉरिडोर की स्थापना उन्हीं पहलों का एक हिस्सा है। यह कॉरिडोर सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक तक सीधी पहुंच प्रदान करता है, जो पाकिस्तान में स्थित है।

क्या शुल्क हटाने से और भी आसान होगी यात्रा?

भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान से बार-बार किए जा रहे इस अनुरोध के बाद, अब देखना होगा कि पाकिस्तान इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है। यदि पाकिस्तान सेवा शुल्क हटाने की मांग को मान लेता है, तो इससे न केवल यात्रा आसान हो जाएगी, बल्कि यह भारत-पाकिस्तान के बीच धार्मिक यात्राओं को लेकर तनाव को भी कम करेगा।

भारत का यह कदम न केवल सिख समुदाय बल्कि सभी तीर्थयात्रियों के लिए एक बड़ी राहत हो सकता है, जो अपने धार्मिक स्थल तक आसानी से पहुंचने के इच्छुक हैं। प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल को सिख समुदाय में विशेष रूप से सराहा जा रहा है, और यह यात्रा आने वाले वर्षों में और भी सुगम हो सकती है।

भविष्य की राह: तीर्थयात्रियों की उम्मीदें और भारत की मांग

आने वाले समय में, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पाकिस्तान इस सेवा शुल्क को हटाता है और करतारपुर साहिब यात्रा को और सरल बनाता है। भारत सरकार और सिख संगत की यह मांग एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुकी है, और इसके समाधान से दोनों देशों के बीच संबंधों में भी सकारात्मक बदलाव आ सकता है।

इस बीच, सिख समुदाय प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करता रहेगा, जिन्होंने गुरुद्वारा दरबार साहिब की यात्रा को आसान बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।