Karnataka Crime: बेलगाम में महिला के साथ सड़क पर हैवानियत, सरेआम फाड़े कपड़े
कर्नाटक के बेलगाम में महिला पर वेश्यावृत्ति का आरोप लगाकर पड़ोसियों ने सरेआम मारपीट की और कपड़े फाड़ दिए। जानें पूरी घटना और पुलिस की कार्रवाई।
कर्नाटक के बेलगाम जिले के वंटामुरी गांव से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। एक महिला पर वेश्यावृत्ति का आरोप लगाते हुए पड़ोसियों ने न केवल सरेआम मारपीट की, बल्कि उसके कपड़े तक फाड़ दिए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है।
कैसे हुई घटना की शुरुआत?
बेलगाम के वाड्डरवाड़ी क्षेत्र में मां-बेटी चार साल से किराए के मकान में रह रही थीं। पड़ोसियों ने महिला पर वेश्यावृत्ति का आरोप लगाया। उनका कहना था कि महिला के घर पर अजनबी लोगों का आना-जाना लगा रहता है।
पड़ोसियों ने महिला और उसकी बेटी से घर खाली करने को कहा, लेकिन जब उन्होंने मना किया तो विवाद बढ़ गया। विवाद इतना बढ़ा कि पड़ोसियों ने महिला को घर से खींचकर सड़क पर लाकर उसके साथ मारपीट की।
महिला के साथ सरेआम बर्बरता
घटना के दौरान पड़ोसियों ने महिला के कपड़े फाड़ दिए और सरेआम उसे अपमानित किया। यह पूरी घटना किसी ने मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड कर ली, जिसके बाद वीडियो वायरल हो गया।
शिकायत दर्ज कराने में अड़चनें
महिला ने बताया कि वह पास के माला मारुति पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने गई, लेकिन वहां उसकी शिकायत दर्ज नहीं की गई। दो दिन तक प्रयास करने के बाद भी पुलिस ने उसकी बात नहीं सुनी।
कमिश्नर के दखल के बाद दर्ज हुई FIR
हताश होकर महिला ने बेलगाम कमिश्नर से गुहार लगाई और बताया कि उसे अपनी जान का खतरा है। कमिश्नर के निर्देश पर पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
पुलिस ने आईपीसी की धारा 115(2), 3(5), 331, 352 और 74 बीएनएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इतिहास और महिला सुरक्षा का मुद्दा
भारत में महिलाओं पर अत्याचार और उनके साथ बर्बरता का इतिहास पुराना है। कर्नाटक जैसे प्रगतिशील राज्य में ऐसी घटना समाज के लिए एक चेतावनी है। वेश्यावृत्ति के आरोपों पर बिना किसी जांच के कार्रवाई करना, और वह भी सार्वजनिक स्थान पर, न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि मानवता के खिलाफ भी है।
सावधानी और जागरूकता की जरूरत
- वीडियो बनाना अपराधियों की मानसिकता दिखाता है: यह घटना बताती है कि अपराधी कानून से कितना बेखौफ हैं।
- महिलाओं को कानूनी अधिकारों की जानकारी जरूरी है: उन्हें पता होना चाहिए कि किसी भी प्रकार के अत्याचार के खिलाफ वह कानून का सहारा ले सकती हैं।
- पुलिस व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता: शिकायत दर्ज कराने में हो रही देरी से पीड़ितों को और अधिक नुकसान झेलना पड़ता है।
कर्नाटक के बेलगाम में हुई यह घटना केवल एक महिला के साथ हुई बर्बरता नहीं, बल्कि यह समाज की सामूहिक जिम्मेदारी पर सवाल खड़ा करती है। कानून के दायरे में रहकर न्याय दिलाने की प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाना समय की मांग है।
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