Jharkhand Farewell Shock: झारखंड हाईकोर्ट के पहले चीफ़ जस्टिस वी.के. गुप्ता का निधन, न्याय जगत में शोक

झारखंड हाईकोर्ट के पहले चीफ जस्टिस और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस जस्टिस वी.के. गुप्ता का निधन। जानें उनका न्यायिक सफर और ऐतिहासिक योगदान।

Feb 16, 2025 - 17:01
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Jharkhand Farewell Shock: झारखंड हाईकोर्ट के पहले चीफ़ जस्टिस वी.के. गुप्ता का निधन, न्याय जगत में शोक
Jharkhand Farewell Shock: झारखंड हाईकोर्ट के पहले चीफ़ जस्टिस वी.के. गुप्ता का निधन, न्याय जगत में शोक

रांची: झारखंड हाईकोर्ट के पहले चीफ़ जस्टिस और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विनोद कुमार गुप्ता का 15 फरवरी को निधन हो गया। वह 78 वर्ष के थे और लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनका अंतिम संस्कार रविवार को दिल्ली में किया गया, जहां देशभर से न्यायिक जगत की हस्तियां उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचीं।

झारखंड हाईकोर्ट के पहले चीफ जस्टिस का सफर

झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद 15 नवंबर 2000 को जस्टिस वी.के. गुप्ता को झारखंड हाईकोर्ट के पहले कार्यवाहक चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण फैसले दिए, जो आज भी कानूनी क्षेत्र में मिसाल के तौर पर देखे जाते हैं। उनके निधन से न्यायिक समुदाय में गहरी शोक की लहर दौड़ गई है।

कानूनी जगत में मिसाल थे जस्टिस वी.के. गुप्ता

जस्टिस वी.के. गुप्ता का जन्म 10 सितंबर 1947 को हुआ था। उन्होंने अपनी कानूनी पढ़ाई पूरी करने के बाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कई अहम मामलों की सुनवाई की। अपने निष्पक्ष निर्णयों और कानून की गहरी समझ के कारण वे देश के शीर्ष न्यायधीशों में गिने जाते थे। झारखंड हाईकोर्ट के पहले चीफ जस्टिस बनने से पहले वे गौहाटी हाईकोर्ट और कोलकाता हाईकोर्ट में भी सेवाएं दे चुके थे।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में भी संभाली थी जिम्मेदारी

झारखंड हाईकोर्ट में अपनी सेवाएं देने के बाद जस्टिस वी.के. गुप्ता को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था। उनके कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक फैसले हुए, जिनका असर आज भी देखा जा सकता है। न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और त्वरित न्याय के लिए वे हमेशा प्रयासरत रहे।

न्याय जगत में शोक की लहर

जस्टिस वी.के. गुप्ता के निधन से न्यायिक समुदाय, उनके सहयोगियों और उनके प्रशंसकों के बीच गहरी शोक की लहर दौड़ गई है। वरिष्ठ वकील और न्यायाधीशों ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने न्याय व्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी।

"एक युग का अंत"

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि जस्टिस वी.के. गुप्ता का निधन न्यायिक क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके जाने से भारतीय न्यायिक प्रणाली ने एक महान न्यायविद् खो दिया है, जिनकी कमी हमेशा खलेगी।

जस्टिस वी.के. गुप्ता का न्याय जगत में योगदान अमूल्य है। उनके ऐतिहासिक फैसले और कानूनी समझ आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी। उनकी न्यायप्रियता और कानून के प्रति निष्ठा हमेशा याद रखी जाएगी।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।