जुगसलाई में सफाई कर्मियों का विरोध प्रदर्शन: संवेदक के खिलाफ खोला मोर्चा
जुगसलाई नगर परिषद के सफाई कर्मियों ने बकाया वेतन की मांग को लेकर संवेदक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को सफाई कर्मियों ने नगर परिषद के गेट पर तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया और अपनी विभिन्न मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की।
जुगसलाई नगर परिषद के सफाई कर्मियों और टीपर चालकों ने अपने बकाया वेतन की मांग को लेकर संवेदक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आदित्यपुर और मानगो के बाद, अब जुगसलाई में भी सफाई कर्मियों ने काम ठप कर दिया है, जिससे क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा उठाव पूरी तरह से बंद हो गया है। मंगलवार को सफाई कर्मियों ने जुगसलाई नगर परिषद के गेट के समक्ष अपने मांगों से संबंधित तख्तियां लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।
यहां भी क्यूब आदित्यपुर वेस्ट मैनेजमेंट एजेंसी द्वारा डोर-टू-डोर कचरा उठाव का काम कराया जाता है। सफाई कर्मियों का कहना है कि उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है। समय पर वेतन नहीं मिलने से नाराज सफाई कर्मियों ने अपने काम को बंद कर प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
सफाई कर्मियों की मांगें साफ हैं: श्रम कानूनों का पालन किया जाए, अपर श्रमायुक्त के साथ हुई त्रिपक्षीय समझौते को लागू किया जाए, झारखंड सरकार द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाए, समय पर वेतन दिया जाए, और ईएसआईसी और पीएफ घोटाले को बंद किया जाए। सफाई कर्मियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द से जल्द पूरी नहीं की गईं तो वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सफाई कर्मियों के इस आंदोलन से क्षेत्र में गंदगी बढ़ रही है और स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। नगर परिषद के अधिकारी भी इस मुद्दे को लेकर चिंतित हैं और समस्या का समाधान निकालने के लिए संवेदक और सफाई कर्मियों के साथ बैठक कर रहे हैं।
नगर परिषद के एक अधिकारी ने बताया कि सफाई कर्मियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। संवेदक को भी नोटिस जारी किया गया है और उन्हें समय पर वेतन देने के लिए कहा गया है। अधिकारी ने यह भी बताया कि जल्द ही इस मुद्दे का समाधान निकाल लिया जाएगा ताकि सफाई कर्मी वापस अपने काम पर लौट सकें और क्षेत्र में सफाई व्यवस्था सामान्य हो सके।
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि श्रमिकों के अधिकारों का सम्मान और उनके समस्याओं का समाधान समय पर किया जाना चाहिए। श्रम कानूनों का पालन और समय पर वेतन का भुगतान न केवल श्रमिकों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि समाज में स्थिरता और शांति बनाए रखने में भी मदद करता है।
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