Jharkhand Weather : नवरात्रि में 12 जिलों में येलो अलर्ट! वज्रपात और भारी बारिश का खतरा
झारखंड के 12 जिलों में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश के लिए मौसम विभाग (IMD) ने येलो अलर्ट जारी किया है। चतरा, गढ़वा और पलामू में 'बहुत भारी' बारिश की चेतावनी। वज्रपात और 40 किमी/घंटा की तेज हवाओं का खतरा। जानें क्यों लौट आया है मानसून और कैसे बचें खतरे से।

भक्ति और उत्साह के महापर्व नवरात्रि के बीच झारखंडवासियों को आसमान से आने वाली 'मेघ-गर्जना' ने चौंका दिया है। जिस मानसून को विदा हो जाना चाहिए था, वह एक बार फिर अपनी ताकत दिखाने के लिए लौट आया है! मौसम विभाग (IMD) ने अगले तीन दिनों तक राज्य के 12 जिलों में भारी वर्षा के लिए येलो अलर्ट जारी कर दिया है, जिससे नवरात्र के आयोजनों और यात्राओं पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
झारखंड का मौसम हमेशा से अप्रत्याशित रहा है, खासकर मानसून की वापसी के समय। बंगाल की खाड़ी में बनने वाले निम्न दाब के क्षेत्रों के कारण अक्सर सितंबर अंत और अक्टूबर की शुरुआत में ऐसी असमय की बारिश होती है, जिसे 'मानसून की मार' भी कहा जाता है। यह वापसी की बारिश न केवल सड़कों पर जलभराव करती है, बल्कि इसके साथ आने वाला वज्रपात (बिजली गिरना) जानलेवा साबित होता है। इस साल भी यही मौसमी चक्र सक्रिय हुआ है, जिससे लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
12 जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, निम्न दाब के क्षेत्र के सक्रिय होने के कारण झारखंड के कई हिस्सों में तेज बारिश हो सकती है। 12 जिलों में विशेष रूप से भारी वर्षा की संभावना जताई गई है, जहां येलो अलर्ट प्रभावी रहेगा:
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पूर्वी क्षेत्र: रांची, हजारीबाग, देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, जामताड़ा, बोकारो।
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कोल्हान/दक्षिपण क्षेत्र: पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, और सिमडेगा।
इन जिलों में रहने वाले लोगों को अपनी दैनिक गतिविधियों में बदलाव करने और यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
तीन जिलों में 'बहुत भारी' बारिश का खतरा
खतरा यहीं खत्म नहीं होता। राज्य के तीन जिलों में तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। चतरा, गढ़वा और पलामू जिलों में बहुत भारी वर्षा (Heavy to Very Heavy Rainfall) की संभावना जताई गई है। इन जिलों के लोगों को नदी-नालों से दूर रहने और निचले इलाकों में जलभराव की आशंका को देखते हुए विशेष रूप से सतर्क रहना होगा।
वज्रपात और तेज हवाओं से बचने की अपील
IMD की रिपोर्ट के मुताबिक, इस खराब मौसम का सबसे बड़ा खतरा वज्रपात है। रांची, हजारीबाग और खूंटी जैसे ऊंचे क्षेत्रों में अत्यधिक वज्रपात की चेतावनी जारी की गई है।
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तेज हवाएं: इस दौरान 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं, जिससे खुले पंडालों और कमजोर संरचनाओं को नुकसान हो सकता है।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सख्ती से अपील की है कि वे खुले मैदानों, ऊंचे स्थानों और पेड़ों के नीचे बिल्कुल भी खड़े न हों। वज्रपात के दौरान सुरक्षित इमारत के अंदर रहना ही एकमात्र बचाव है।
तापमान में गिरावट के कारण अगले तीन दिनों में मौसम सुहावना हो जाएगा, लेकिन बारिश जनित समस्याओं, जैसे जलभराव और ट्रैफिक जाम, के लिए तैयार रहने की जरूरत है। नवरात्रि के उत्साह को जारी रखने के लिए लोगों से आग्रह है कि वे मौसम की ताजा जानकारी पर नज़र रखें और पूरी सतर्कता बरतें।
क्या आपके क्षेत्र में भी येलो अलर्ट जारी किया गया है? आप इस बारिश से निपटने के लिए क्या तैयारी कर रहे हैं?
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