Jharkhand Weather Alert: झारखंड में मौसम का बड़ा अलर्ट! तेज बारिश और आंधी से तबाही के आसार
झारखंड में मौसम ने करवट ली है! अगले दो दिनों तक भारी बारिश और तूफानी हवाएं चलेंगी। मौसम विभाग ने रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया। जानें किन जिलों में सबसे ज्यादा खतरा!

झारखंड समेत पूरे कोल्हान में मौसम का मिजाज बदल चुका है। लगातार दो दिनों से झमाझम बारिश और तेज हवाओं ने गर्मी से राहत दी है, लेकिन अब खतरा बढ़ गया है। झारखंड के मौसम विभाग ने 23 मार्च तक तूफानी हवाओं और वज्रपात की चेतावनी जारी की है।
शुक्रवार को झारखंड के कई जिलों में घने काले बादल छाए रहे और बूंदाबांदी होती रही। बीते 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश चाईबासा (54.1 मिमी) में रिकॉर्ड की गई, जबकि जमशेदपुर में 7.7 मिमी बारिश दर्ज हुई। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 48 घंटे तेज आंधी-तूफान और भारी बारिश के हो सकते हैं।
क्यों आया यह मौसम परिवर्तन? जानिए वैज्ञानिक कारण
झारखंड में इस वक्त प्री-मानसून एक्टिविटी तेज हो रही है। बंगाल की खाड़ी से उठने वाली नमी युक्त हवाएं और पश्चिमी विक्षोभ के असर से बादलों का निर्माण हो रहा है, जिससे झारखंड में अचानक मौसम बदल गया है।
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के अनुसार, 23 मार्च तक पूरे राज्य में तेज हवाओं और बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। साथ ही, कुछ इलाकों में वज्रपात की संभावना भी जताई गई है, जिससे सावधान रहने की जरूरत है।
किन जिलों में सबसे ज्यादा खतरा? रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी!
रेड अलर्ट (सबसे ज्यादा खतरा) –
शुक्रवार को खूंटी, सिमडेगा और पश्चिम सिंहभूम में 60-80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है।
ऑरेंज अलर्ट (सावधान रहें) –
शनिवार को झारखंड के दक्षिणी, मध्य और उत्तर-पूर्वी भागों में तेज बारिश और आंधी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इनमें शामिल हैं:
- पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर)
- पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा)
- सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां, रांची, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, खूंटी, रामगढ़
- देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़ और साहेबगंज
रविवार को दक्षिण-पूर्वी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में भी भारी बारिश और आंधी का खतरा रहेगा।
येलो अलर्ट (सतर्क रहें) –
शनिवार को उत्तरी-पश्चिमी झारखंड के पलामू, गढ़वा, चतरा, कोडरमा, लातेहार और लोहरदगा जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना है।
तूफानी हवाएं और वज्रपात! कितना बड़ा खतरा?
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 60-80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाएं पेड़ों को गिरा सकती हैं, बिजली के खंभे और कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
इसके अलावा, वज्रपात (बिजली गिरने) का भी बड़ा खतरा है। हर साल झारखंड में सैकड़ों लोग वज्रपात की चपेट में आकर अपनी जान गंवाते हैं। इसलिए, बाहर निकलते समय सावधानी बरतने की जरूरत है।
कैसे बचें? झारखंड सरकार ने जारी की एडवाइजरी
- खुले मैदान या ऊंचे स्थानों पर न खड़े हों।
- तेज आंधी और बिजली गिरने के दौरान घर के अंदर रहें।
- बिजली से चलने वाले उपकरणों का इस्तेमाल बंद करें।
- पेड़, बिजली के खंभों और निर्माणाधीन इमारतों से दूर रहें।
- किसान फसल कटाई के दौरान सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।
क्या आगे भी रहेगा ऐसा ही मौसम?
मौसम विभाग के मुताबिक, झारखंड में अगले 3-4 दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। हालांकि, 23 मार्च के बाद मौसम में सुधार होने की संभावना है।
आपकी राय क्या है?
क्या झारखंड में इस साल प्री-मानसून एक्टिविटी ज्यादा तेज है? क्या सरकार को वज्रपात से बचाव के लिए और मजबूत कदम उठाने चाहिए? अपनी राय कमेंट में बताएं!
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