झारखंड पंचायत सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, डीसी ऑफिस के सामने प्रदर्शन

झारखंड में पंचायत सचिव अपनी दो सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। सचिवों ने जमशेदपुर के डीसी ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे हड़ताल जारी रखने की बात कह रहे हैं।

Aug 27, 2024 - 13:58
Aug 27, 2024 - 18:00
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झारखंड पंचायत सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, डीसी ऑफिस के सामने प्रदर्शन
झारखंड पंचायत सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, डीसी ऑफिस के सामने प्रदर्शन

झारखंड में पंचायत सचिवों का विरोध अब उग्र रूप लेता जा रहा है। अपनी दो प्रमुख मांगों को लेकर पंचायत सचिवों ने जमशेदपुर सहित राज्य के विभिन्न जिलों में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। मंगलवार से जमशेदपुर प्रखंड के 24 पंचायत सचिवों समेत जिले के अन्य प्रखंडों के सचिव डीसी ऑफिस के सामने धरना दे रहे हैं।

सचिवों की प्रमुख मांगें

इस हड़ताल की अगुवाई कर रहे जमशेदपुर प्रखंड पंचायत सचिव संघ के अध्यक्ष नीलकमल सेनापति ने बताया कि उनकी दो मुख्य मांगें हैं। पहली मांग है कि पंचायत सचिव का मूल ग्रेड पे 2400 रुपये किया जाए और दूसरी मांग है कि प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी के पद पर वरीयता के आधार पर प्रोन्नति दी जाए। सेनापति का कहना है कि ये मांगे वे वर्ष 2010 से कर रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

हड़ताल का प्रभाव और सचिवों का रुख

सचिवों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जातीं, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी। इस अनिश्चितकालीन हड़ताल का सीधा असर पंचायत स्तर पर प्रशासनिक कार्यों पर पड़ रहा है। कई योजनाएं रुकी पड़ी हैं और पंचायतों में कामकाज ठप हो गया है।

नीलकमल सेनापति ने बताया, "सरकार से कई बार अपील की गई है, लेकिन हमारी मांगे अनसुनी कर दी गई हैं। इसीलिए अब हम मजबूर होकर हड़ताल पर हैं। जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जातीं, हम अपना विरोध जारी रखेंगे।"

राज्य भर में विरोध की लहर

यह हड़ताल सिर्फ जमशेदपुर तक सीमित नहीं है। राज्य के सभी पंचायत सचिव इस हड़ताल में शामिल हैं और अपने-अपने जिलों के डीसी ऑफिस के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। झारखंड राज्य पंचायत सचिव संघ की तरफ से पहले भी चरणबद्ध आंदोलन किया गया था, जिसमें 21 अगस्त को राजभवन के सामने एक दिवसीय धरना दिया गया था।

हालांकि, सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर पंचायत सचिवों ने 27 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया।

सरकार का रुख और संभावित समाधान

इस मामले पर सरकार का रुख अभी तक स्पष्ट नहीं है। हड़ताल के चलते प्रशासनिक कामकाज में काफी बाधा आ रही है और इससे आम जनता भी प्रभावित हो रही है। राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा है कि पंचायत सचिवों की मांगों पर विचार किया जा रहा है, लेकिन फिलहाल कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह हड़ताल लंबे समय तक चली, तो इसका असर पंचायत स्तर पर चल रही विकास योजनाओं पर भी पड़ेगा। इससे न केवल प्रशासनिक ढांचा प्रभावित होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की रफ्तार भी धीमी पड़ सकती है।

क्या है आगे का रास्ता?

पंचायत सचिवों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है, तो वे अपने आंदोलन को और उग्र रूप देंगे। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द ही कोई निर्णय नहीं लिया, तो राज्यभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं।

सरकार और पंचायत सचिवों के बीच बातचीत का रास्ता अभी खुला है, लेकिन जिस तरह से सचिवों ने अपने रुख को सख्त किया है, उससे लगता है कि आने वाले दिनों में राज्य में प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रखने के लिए एक बड़ा प्रयास करना होगा। पंचायत सचिवों का यह कदम सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है, जिससे निपटना आसान नहीं होगा।

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Chandna Keshri चंदना केशरी, जो गणित-विज्ञान में इंटरमीडिएट हैं, स्थानीय खबरों और सामाजिक गतिविधियों में निपुण हैं।