Jharkhand Leaders Expelled JMM Action: पूर्वी सिंहभूम के 8 नेताओं को JMM ने 6 साल के लिए किया निष्कासित!
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने पूर्वी सिंहभूम जिले के 8 नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। जानिए क्या है पूरा मामला और क्यों लिया गया इतना बड़ा फैसला।
झारखंड की राजनीति में 26 दिसंबर 2024 का दिन बड़ा बदलाव लेकर आया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने पूर्वी सिंहभूम जिले के 8 नेताओं को पार्टी के सभी पदों से हटाते हुए उन्हें आगामी 6 वर्षों के लिए प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया।
कारण और घटनाक्रम:
पार्टी महासचिव विनोद कुमार पांडेय के हस्ताक्षर से जारी आदेश के अनुसार, पूर्वी सिंहभूम जिला समिति के पत्रांक 218/ES/JMM/2024 दिनांक 26.12.2024 में प्राप्त साक्ष्यों और अनुसंशा के आधार पर यह कठोर कदम उठाया गया। निष्कासन का आदेश इन नेताओं पर लगे अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों के बाद आया।
जिन नेताओं को निष्कासित किया गया है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
- कालू गोराई
- राज लकड़ा
- अरविंद कुमार
- सूरज गौड़
- अमृत प्रसाद श्रीवास्तव
- सोनू सिंह
- दांदु राम बेसरा
- बैजनाथ सोरेन
झारखंड मुक्ति मोर्चा का इतिहास:
झारखंड मुक्ति मोर्चा, जिसे JMM के नाम से जाना जाता है, झारखंड राज्य के गठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली पार्टी है। 1972 में शिबू सोरेन द्वारा स्थापित इस पार्टी ने हमेशा आदिवासी और स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता दी है। लेकिन हाल के वर्षों में, पार्टी को आंतरिक कलह और अनुशासनहीनता जैसे संकटों का सामना करना पड़ा है।
पार्टी ने क्यों लिया इतना बड़ा फैसला?
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस मामले में स्पष्ट किया कि इन 8 नेताओं ने अनुशासनहीनता के साथ पार्टी के मूल सिद्धांतों के खिलाफ कार्य किया। उन्होंने स्थानीय मुद्दों पर पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया।
नगर आयुक्त कृष्णा कुमार का बयान:
कृष्णा कुमार ने कहा, "पार्टी अनुशासनहीनता को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई से बाकी कार्यकर्ताओं को यह संदेश मिलेगा कि JMM में अनुशासन सर्वोपरि है।"
आगे का रास्ता:
विश्लेषकों का मानना है कि यह निर्णय JMM की आगामी चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। पार्टी 2024 में अपनी साख बचाने के लिए कोई भी समझौता करने को तैयार नहीं है।
पार्टी से निष्कासित होने का प्रभाव:
इन नेताओं को पार्टी से निष्कासित करने के बाद, पूर्वी सिंहभूम जिले की राजनीति में एक बड़ा शून्य पैदा होगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ये नेता भविष्य में किस पार्टी का रुख करते हैं और किस प्रकार राजनीति में अपनी पहचान बनाए रखते हैं।
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