झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता की बैठक में राजनीतिक दलों को मिली निर्देश

झारखंड विधानसभा चुनाव-2024 की आचार संहिता के अनुपालन के लिए जिला समाहरणालय में हुई बैठक। राजनीतिक दलों को मिली ऑनलाइन अनुमति और नियमों की जानकारी।

Oct 16, 2024 - 17:29
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झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता की बैठक में राजनीतिक दलों को मिली निर्देश
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता की बैठक में राजनीतिक दलों को मिली निर्देश

रांची: 16 अक्टूबर 2024 को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा झारखंड विधानसभा चुनाव-2024 की घोषणा के बाद, जिले में लागू आदर्श आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक जिला समाहरणालय स्थित सभागार में हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने की।

बैठक में जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने उपस्थित कमेटी सदस्यों और राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों को आदर्श आचार संहिता के निर्देशों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान "क्या करें और क्या ना करें" के तहत राजनीतिक दलों के लिए मार्गदर्शन जारी किया गया है। इस जानकारी का विस्तार से साझा किया गया ताकि सभी राजनीतिक दल इसका पालन कर सकें।

बैठक में राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों को किसी भी आयोजन के लिए ऑनलाइन अनुमति प्राप्त करने के लिए बनाए गए सुविधा पोर्टल/ऐप के बारे में भी बताया गया। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद, 24 घंटे के भीतर सरकारी संपत्ति का विरूपण और 48 घंटे के भीतर सार्वजनिक संपत्ति को विकृत करना अपराध होगा। इसके अलावा, 72 घंटे के भीतर निजी संपत्तियों पर लगे राजनीतिक झंडे, फ्लैक्स, बैनर, होडिंग और दीवार लेखन को हटाना होगा।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, केवल गृह स्वामी द्वारा अनुमति प्राप्त स्थान पर ही पार्टी या व्यक्ति झंडा और बैनर लगा सकते हैं। इसके अलावा, उम्मीदवार के नाम वापसी की तिथि के बाद ही झंडे लगाने की अनुमति होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी कार्यकर्ता या समर्थक के आवास पर केवल तीन झंडे ही लगाए जा सकते हैं।

बैठक में यह भी बताया गया कि बिना अनुमति के किसी भी वाहन पर झंडा नहीं लगाया जा सकता। झंडा लगाने के लिए अनुमति लेना आवश्यक होगा, जो निर्वाची पदाधिकारी, जिला निर्वाचन पदाधिकारी और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से प्राप्त की जा सकेगी।

अंत में, रैलियों में राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग के दौरान ध्वज संहिता और राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम के प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य है। इस बैठक ने चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और सुव्यवस्थित रखने में मदद करने का महत्वपूर्ण प्रयास किया है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।