जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र के कीताडीह में पुलिस ने एक और नशे के कारोबार का पर्दाफाश किया। इस बार पुलिस ने महिला राधा कर्मकार को 15 पुड़िया ब्राउन शुगर के साथ गिरफ्तार किया, जबकि उसका पति भागने में सफल रहा। यह मामला शहर के नशे के कारोबार के संदर्भ में एक और कड़ी जोड़ता है, जहां न केवल नशे की सामग्री का कारोबार हो रहा था, बल्कि महिला खुद भी ब्राउन शुगर का सेवन करती थी। इस घटना से जुड़े कई सवाल और अज्ञात पहलू अब तक सामने आ रहे हैं।
पुलिस छापेमारी और गिरफ्तार महिला का बयान:
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने बताया कि महिला ने माचिस के डिब्बे में ब्राउन शुगर की पुड़ियां छुपाकर रखी थीं। महिला ने पुलिस के समक्ष यह स्वीकार किया कि वह 250 रुपये प्रति पुड़िया के हिसाब से ब्राउन शुगर बेचती थी। इसके अलावा, उसने यह भी बताया कि उसके पति कहीं से ब्राउन शुगर लाकर उसे बेचने के लिए दे दिया करते थे।
यह कोई पहला मामला नहीं है, जब राधा कर्मकार नशे के कारोबार में शामिल पाई गई। इससे पहले भी वह ब्राउन शुगर बेचने के आरोप में जेल जा चुकी थी, और अब एक बार फिर वह इस नशे के नेटवर्क का हिस्सा बन चुकी थी। पुलिस की छानबीन से यह साफ हो गया कि महिला न केवल इस व्यापार में सक्रिय थी, बल्कि खुद भी ब्राउन शुगर का सेवन करती थी।
नशे के कारोबार में महिला की भूमिका:
महिला राधा कर्मकार का गिरफ्तार होना यह दर्शाता है कि नशे का कारोबार अब एक संगठित नेटवर्क बन चुका है, जिसमें पुरुष और महिला दोनों शामिल हैं। यह बात भी सामने आई कि राधा कर्मकार का पति इस व्यापार में अहम भूमिका निभाता था, हालांकि वह मौके से भागने में सफल हो गया। महिला ने बताया कि उसके पति ने उसे ब्राउन शुगर की पुड़ियां बेचने के लिए दी थीं, और वह खुद भी इसका सेवन करती थी।
इस घटना ने यह भी उजागर किया कि महिलाओं का भी इस तरह के गैरकानूनी कामों में शामिल होना, समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। यह किसी एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि समाज में नशे के व्यापार के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।
पुलिस कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया:
पुलिस ने महिला को गिरफ्तार करने के बाद प्राथमिक उपचार दिया, और अब उसे जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह छापेमारी शहर में बढ़ते नशे के कारोबार को रोकने की दिशा में एक अहम कदम है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में उनके द्वारा की गई कार्रवाई केवल शुरुआत है, और आगे भी ऐसे मामलों की निगरानी की जाएगी।
इतिहास में नशे के कारोबार का काला अध्याय:
झारखंड के विभिन्न हिस्सों में नशे के कारोबार का इतिहास काफी पुराना रहा है। राज्य में नशे की सामग्री जैसे ब्राउन शुगर, हेरोइन और चरस का अवैध व्यापार एक गंभीर समस्या बन चुका है। विशेष रूप से जघन्य अपराधों और सामाजिक कुप्रवृत्तियों का यह मुख्य कारण रहा है। हालांकि, पुलिस की लगातार कोशिशों और छापेमारी की वजह से इस व्यापार में कमी आई है, फिर भी यह एक व्यापक समस्या है, जो समाज को प्रभावित कर रही है।
जमशेदपुर में राधा कर्मकार की गिरफ्तारी ने न केवल नशे के कारोबार को उजागर किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि इस तरह के अवैध व्यापार में महिलाएं भी शामिल हो सकती हैं। पुलिस की कार्रवाई इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है, लेकिन समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि इस तरह के काले धंधे को जड़ से खत्म किया जा सके। राधा की गिरफ्तारी ने यह साबित कर दिया कि नशे के कारोबार से जूझने के लिए पुलिस की सतर्कता और नागरिकों की जागरूकता की आवश्यकता है।