झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू, सोमवार तक के लिए सदन स्थगित, विपक्ष ने की सदन के बाहर नारेबाजी
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया है। यह सत्र विधानसभा चुनाव से पहले का अंतिम सत्र है, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक होने की संभावना है।
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झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया। यह सत्र विशेष है क्योंकि विधानसभा चुनाव से पहले यह अंतिम सत्र है। सरकार और विपक्ष दोनों ने इस सत्र के लिए पूरी तैयारी की है, जिससे सत्र के दौरान हंगामे की संभावना अधिक है।
विधानसभा अध्यक्ष का संबोधन
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने सबसे पहले सदन को संबोधित किया और शोक प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस प्रस्ताव में राज्य और देश में बीते सत्र से अब तक के दिवंगत लोगों को शोक व्यक्त किया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विपक्ष के नेता अमर बाउरी ने भी शोक प्रस्ताव का समर्थन किया। इसके बाद सदन को सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
सत्र की रूपरेखा
यह मानसून सत्र कुल आठ दिनों का है, जिसमें छह कार्य दिवस होंगे। 27 और 28 जुलाई को शनिवार और रविवार की छुट्टी रहेगी। इसके बाद 29 जुलाई से सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होगी। सोमवार को सरकार अनुपूरक बजट पेश करेगी और इस पर चर्चा होगी।
विपक्ष की रणनीति
इस सत्र में विपक्ष ने सत्ता पक्ष को ज्वलंत मुद्दों पर घेरने की योजना बनाई है। विस्थापन और सुखाड़ जैसे मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा होगी। विपक्ष का उद्देश्य सरकार को इन मुद्दों पर जवाब देने के लिए मजबूर करना है।
सदन के बाहर विपक्ष का प्रदर्शन
विधानसभा सत्र के बाद, भाजपा समेत अन्य विपक्षी दलों ने सदन के बाहर धरना दिया। भाजपा के विधायक तख्तियां लेकर बैठे और सरकार का विरोध किया। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अवैध कारोबारियों का समर्थन करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार भ्रष्टाचार को पनाह दे रही है, जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लग रही है।
राजनीतिक विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिल सकती है। दोनों पक्षों की रणनीति और तैयारियों को देखते हुए यह सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र न केवल आगामी चुनावों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसमें उठाए जाने वाले मुद्दे राज्य की राजनीति को भी प्रभावित करेंगे। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही इस सत्र में अपने-अपने मुद्दों को प्रमुखता से उठाने के लिए तैयार हैं।
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