West Singhbhum Postal Issues : डाकपाल से होगी भरनियां पोस्ट ऑफिस की शिकायत, दो साल से बंद पड़ी है पोस्ट ऑफिस!
वेस्ट सिंहभूम के भरनियां पोस्ट ऑफिस का निरीक्षण करने पहुंचे विजय सिंह सामड, दो साल से बंद पड़ा था पोस्ट ऑफिस, ग्रामीणों ने की शिकायत। जानिए पूरी जानकारी इस विशेष रिपोर्ट में।
रामगोपाल जेना/चक्रधरपुर: पश्चिम सिंहभूम जिले के भरनियां पोस्ट ऑफिस को लेकर एक बड़ी समस्या सामने आई है। कांग्रेस नेता विजय सिंह सामड और उनके कार्यकर्ताओं ने हाल ही में इस पोस्ट ऑफिस का निरीक्षण किया, और निरीक्षण के दौरान यह पता चला कि पोस्ट ऑफिस पिछले दो सालों से बंद पड़ा है। इस दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने भी अपनी परेशानी साझा की और बताया कि उन्हें पोस्ट ऑफिस से संबंधित कार्यों में लगातार समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
दो साल से बंद पड़ा पोस्ट ऑफिस
जब विजय सिंह सामड ने भरनियां पोस्ट ऑफिस का निरीक्षण किया, तो वह खुद हैरान रह गए कि यह पोस्ट ऑफिस दो साल से बंद पड़ा हुआ था। यहां तक कि स्थानीय ग्रामीणों ने भी कहा कि दो सालों से इस पोस्ट ऑफिस से कोई भी सेवा प्राप्त नहीं हो पा रही है। ग्रामीणों के मुताबिक, यह समस्या उनके रोजमर्रा के कामों को प्रभावित कर रही है, जैसे कि बैंकिंग सेवाएं, चेक क्लियरिंग, और अन्य डाक सेवाएं।
ग्रामीणों का कड़ा विरोध
ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि पोस्ट ऑफिस बंद होने के कारण उन्हें डाक सेवाओं के लिए अन्य दूर-दराज के स्थानों पर जाना पड़ता है, जिससे समय और पैसे की बर्बादी होती है। इस मुद्दे को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है, और उन्हें लगता है कि यह एक सरकारी लापरवाही का परिणाम है।
कांग्रेस नेता विजय सिंह सामड का आश्वासन
विजय सिंह सामड ने पोस्ट ऑफिस का निरीक्षण करने के बाद ग्रामवासियों को आश्वासन दिया कि वह इस मामले को गंभीरता से लेंगे। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही डाकपाल से इस समस्या पर शिकायत करेंगे और संबंधित अधिकारियों से त्वरित कार्रवाई की मांग करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पोस्ट ऑफिस में पदस्थापित कर्मियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी, ताकि इस प्रकार की स्थिति भविष्य में न उत्पन्न हो।
समिति सदस्य और ग्रामीणों की उपस्थिति
इस निरीक्षण के दौरान गोहन सिंह सरदार, डिबरू सरदार, चक्रवर्ती नायक, पुरुषोत्तम सरदार, सोमा सरकार, सुनील कुमार महतो, शुक्रमनी सरदार, लालमनी सरदार, चंपा देवी, सुखी सरदार और अन्य कई स्थानीय लोग मौजूद थे। इन सभी ने मिलकर इस समस्या को उजागर किया और इसे हल करने के लिए सामूहिक प्रयास करने की बात कही।
इतिहास और सरकारी कार्यों की महत्ता
यह पहली बार नहीं है जब ग्रामीणों को पोस्ट ऑफिस सेवाओं में असुविधा का सामना करना पड़ा हो। भारतीय डाक सेवा (India Post) का इतिहास लंबा और सम्मानजनक रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में पोस्ट ऑफिसों के बंद होने और कर्मचारियों की लापरवाही की घटनाएं बढ़ी हैं। सरकार द्वारा जारी की गई योजनाओं को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाना और उन्हें सही तरीके से लागू करना सरकार की जिम्मेदारी बनती है, और ऐसी घटनाएं इस जिम्मेदारी की कमी को उजागर करती हैं।
क्या होगा आगे?
अब यह देखना होगा कि विजय सिंह सामड की इस शिकायत के बाद क्या कार्रवाई की जाएगी। क्या भरनियां पोस्ट ऑफिस को फिर से खोला जाएगा, और क्या स्थानीय लोगों को उनकी जरूरत की सेवाएं मिल पाएंगी? ये सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं, लेकिन एक बात साफ है कि अगर सरकार और स्थानीय अधिकारी जल्दी से इस मुद्दे को हल नहीं करते हैं, तो ग्रामीणों के बीच असंतोष बढ़ सकता है।
भरनियां पोस्ट ऑफिस का बंद होना केवल एक स्थानीय समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे वेस्ट सिंहभूम जिले के ग्रामीणों की आवाज़ है, जो हर दिन सरकारी सेवाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए विजय सिंह सामड और स्थानीय लोगों की कोशिशें महत्वपूर्ण हो सकती हैं। अब यह देखना होगा कि इस समस्या का हल जल्द निकलता है या फिर ग्रामीणों को और भी इंतजार करना पड़ेगा।
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