Jharkhand Encounter Specialist: कुख्यात अमन साहू ढेर, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट PK Singh का एक और बड़ा ऑपरेशन!

झारखंड के सबसे बड़े गैंगस्टर अमन साहू का एनकाउंटर! एनकाउंटर स्पेशलिस्ट PK Singh ने पलामू में ऑपरेशन को अंजाम दिया। जानें पूरी खबर।

Mar 11, 2025 - 16:27
Mar 11, 2025 - 19:13
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Jharkhand Encounter Specialist: कुख्यात अमन साहू ढेर, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट PK Singh का एक और बड़ा ऑपरेशन!
Jharkhand Encounter Specialist: कुख्यात अमन साहू ढेर, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट PK Singh का एक और बड़ा ऑपरेशन!

रांची: झारखंड के सबसे बड़े गैंगस्टर अमन साहू का पलामू में एनकाउंटर हो गया। इसे अंजाम दिया झारखंड के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट डीएसपी प्रमोद कुमार सिंह (PK Singh) ने, जिन्होंने पहले भी कई कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया है। इस ऑपरेशन के बाद पूरे झारखंड में चर्चा गर्म है कि आखिर PK Singh क्यों अपराधियों के लिए ‘काल’ माने जाते हैं?

कैसे हुआ अमन साहू का एनकाउंटर?

मंगलवार (11 मार्च 2025) को झारखंड पुलिस अमन साहू को रायपुर से रांची ला रही थी। लेकिन पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र में उसने भागने की कोशिश की। इस दौरान एक पुलिसकर्मी की इंसास राइफल छीनकर उसने गोली चला दी, जिससे एक जवान घायल हो गया। स्थिति बिगड़ती देख PK Singh ने मोर्चा संभाला और साहू को मुठभेड़ में ढेर कर दिया।

कौन था अमन साहू?

अमन साहू झारखंड का सबसे कुख्यात अपराधी था, जिसे गैंगस्टर से लेकर सुपारी किलर तक कहा जाता था। फिरौती, अवैध वसूली और अपराध की दुनिया में उसका बड़ा नाम था। उसने झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में कई संगीन वारदातों को अंजाम दिया था। पुलिस को उसकी तलाश लंबे समय से थी, लेकिन वह हर बार बच निकलता था।

PK Singh: अपराधियों का डर, जनता की सुरक्षा!

PK Singh झारखंड पुलिस में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से जाने जाते हैं। उनकी पहली पोस्टिंग 2006 में नावाडीह थाना में हुई थी, जहां उन्होंने पहले ही ऐलान कर दिया था कि जहां PK Singh होंगे, वहां अपराधियों का सफाया होगा!

PK Singh के बड़े ऑपरेशन:

  • 2022: धनबाद के बैंक मोड़ में मुथूट फाइनेंस डकैती नाकाम कर अपराधियों को ढेर किया।
  • कई बड़े गैंगस्टरों का सफाया कर चुके हैं, जिससे अपराधियों में उनका खौफ है।
  • पुलिस महकमे में उनकी छवि एक्शन हीरो जैसी बन चुकी है।

PK Singh और विवाद:

हालांकि, PK Singh का नाम कुछ विवादों से भी जुड़ा है। धनबाद के ईस्ट बसुरिया हत्याकांड में जब पीड़ित परिवार न्याय की मांग कर रहा था, तब उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया था। इसको लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक शिकायत पहुंची थी।

क्या होगा अब?

अमन साहू की मौत के बाद झारखंड पुलिस की एक बड़ी चुनौती खत्म हो गई है, लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि इस ऑपरेशन से झारखंड का गैंगवार खत्म होगा या कोई नया गैंग सामने आएगा?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।