Jamshedpur Arrest: कदमा से भानू मांझी गिरोह का खूंखार गुर्गा गिरफ्तार! पिस्टल और 3 जिंदा कारतूस जब्त, उलियान मैदान में रंगदारी की बड़ी साजिश फेल
जमशेदपुर पुलिस ने कदमा के उलियान टीओपी मैदान से भानू मांझी गिरोह के सदस्य मनीष सिंह (20) को देशी लोडेड सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल और तीन जिंदा गोली के साथ गिरफ्तार किया है। अपराधी हथियार के बल पर रंगदारी वसूलने का काम करता था और किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने की फिराक में था।
जमशेदपुर पुलिस ने अपराध के गहरे होते साये पर एक बड़ा प्रहार करते हुए शहर के कुख्यात भानू मांझी गिरोह के एक सक्रिय सदस्य को हथियार के साथ दबोच लिया है। यह गिरफ्तारी न केवल पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी है, बल्कि शहर में रंगदारी और हथियार के बल पर दहशत फैलाने वाले अपराधियों के नेटवर्क के लिए भी कड़ी चेतावनी है।
कदमा उलियान टीओपी मैदान से सोमवार (6 अक्टूबर) को पकड़ा गया यह अपराधी किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने की फिराक में था। अगर पुलिस ने समय रहते कार्रवाई न की होती, तो शहर में एक और हिंसक वारदात हो सकती थी।
लोडेड पिस्टल के साथ पकड़ा गया गुर्गा
एसएसपी पीयूष पांडेय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस सफलता की आधिकारिक जानकारी दी। गिरफ्तार अपराधी की पहचान कदमा भाटिया बस्ती निवासी मनीष सिंह (20) के रूप में हुई है।
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बरामदगी: पुलिस ने मनीष सिंह के पास से एक देशी लोडेड सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल और तीन जिंदा गोली बरामद की है। पिस्टल का लोडेड होना स्पष्ट करता है कि मनीष सिंह तत्काल किसी को निशाना बनाने की तैयारी में था।
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गिरोह का सदस्य: एसएसपी ने पुष्टि की कि मनीष सिंह भानू मांझी गिरोह का सक्रिय सदस्य है, जो सरगना भानू मांझी के साथ मिलकर संगठित अपराध को अंजाम देता रहा है।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार अपराधी भानू मांझी के साथ मिलकर हथियार के बल पर लोगों को डरा-धमकाकर रंगदारी वसूलने का काम करता था। उलियान टीओपी मैदान में उसकी मौजूदगी किसी नए शिकार की तलाश या पुरानी रंजिश के निपटारे की ओर इशारा करती है।
संगठित अपराध पर लगाम: न्यायिक हिरासत में भेजा
जमशेदपुर में रंगदारी के लिए हथियारों का खुलेआम इस्तेमाल कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती रहा है। भानू मांझी गिरोह जैसे संगठित आपराधिक समूह ठेकेदारों, छोटे व्यापारियों और सम्पन्न लोगों को निशाना बनाकर जबरन उगाही करते रहे हैं।
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तत्काल एक्शन: पुलिस ने मनीष सिंह को गिरफ्तार कर लिया है और उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।
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नेटवर्क पर प्रहार: इस गिरफ्तारी से भानू मांझी गिरोह की गतिविधियों पर अस्थायी रूप से रोक लगेगी और पुलिस को गिरोह के अन्य सदस्यों और रणनीतियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जमशेदपुर पुलिस संगठित अपराध और अवैध हथियारों के खिलाफ सख्त अभियान जारी रखेगी, ताकि शहर के नागरिक भयमुक्त होकर अपना जीवन जी सकें।
आपकी राय में, जमशेदपुर में रंगदारी और अवैध हथियारों की समस्या से निपटने के लिए पुलिस को केवल गिरफ्तारी के बजाय किस तरह की सामाजिक/आर्थिक कार्रवाई पर अधिक ध्यान देना चाहिए?
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