Jamshedpur Threat: शराब के लिए देसी कट्टा तान दिया सिर पर, पुलिस की गिरफ्त में सनकी युवक
जमशेदपुर के सुंदरनगर में शराब पीने के लिए पैसे मांगने पर एक युवक ने देसी कट्टा तान दिया। पुलिस ने आरोपी को चार जिंदा गोलियों और हथियार के साथ गिरफ्तार किया। जानिए इस सनसनीखेज मामले की पूरी कहानी।

रविवार शाम एक शख्स ने सिर्फ शराब के लिए अपने ही मोहल्ले के एक युवक की कनपटी पर देसी कट्टा तान दिया। गनीमत रही कि समय रहते पुलिस को सूचना दी गई और एक बड़ा हादसा टल गया।
लेकिन इस घटना ने न सिर्फ इलाके में सनसनी फैला दी, बल्कि यह भी दिखा दिया कि कैसे देसी हथियार और अपराधियों की पहुंच आज भी आमजनों के बीच डर का सबब बने हुए हैं।
घटना की शुरुआत: शराब के लिए जान की धमकी
मूल रूप से जादूगोड़ा के बड़ामेड़ा निवासी सुनाराम किस्कू, जो फिलहाल सुंदरनगर थाना क्षेत्र के तुरामडीह यूसिल कॉलोनी में रह रहा था, ने रविवार शाम करीब 5:15 बजे मोहल्ले के ही राजू प्रमाणिक से शराब के लिए पैसे मांगने शुरू किए।
राजू ने जब पैसे देने से इनकार किया, तो सुनाराम ने बिना देर किए अपनी पैंट से देसी कट्टा निकाला और राजू की कनपटी पर रख दिया। उसकी आंखों में नशा था और जुबान पर धमकी—"शराब नहीं पिलाई तो जान ले लूंगा।"
पुलिस का एक्शन: भगाने की कोशिश में हुआ गिरफ्तार
राजू प्रमाणिक ने डर के मारे तुरंत सुंदरनगर थाना पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई। थाना प्रभारी ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम के साथ घटनास्थल का रुख किया।
तुरामडीह रेलवे फाटक के पास एक बरगद के पेड़ के नीचे सुनाराम बैठा मिला। पुलिस को देखते ही वह भागने लगा, लेकिन कुछ ही दूरी पर उसे दौड़कर दबोच लिया गया।
हथियार की बरामदगी: एंक्लेट में छिपा देसी कट्टा, जेब में जिंदा गोलियां
पुलिस ने जब उसकी तलाशी ली, तो चौंकाने वाला सच सामने आया।
उसके बाएं पैर के एंक्लेट में एक देसी कट्टा छिपा हुआ था और दाहिने जेब से चार जिंदा गोलियां बरामद हुईं। ये सब कुछ पुलिस ने विधिवत जब्त कर लिया।
पूछताछ में खुलासा: 2 हज़ार में खरीदा था हथियार
सुनाराम ने पूछताछ में बताया कि उसने ये देसी कट्टा और गोलियां एक दिन पहले यानी 20 अप्रैल को उपेंद्र पात्रो नामक व्यक्ति से सिर्फ दो हज़ार रुपये में खरीदी थीं।
इस खुलासे के बाद पुलिस ने उपेंद्र पात्रो की गिरफ्तारी के लिए छापामारी शुरू की, लेकिन वह फरार हो चुका था। पुलिस अब उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है और उम्मीद है कि वह जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में आ जाएगा।
पिछले मामलों की पड़ताल: देसी हथियारों का बढ़ता कारोबार
झारखंड में अवैध हथियारों की तस्करी और बिक्री कोई नई बात नहीं है।
देसी कट्टों का कारोबार विशेष रूप से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और औद्योगिक बेल्ट में तेजी से फैल रहा है। पहले ये हथियार जंगलों तक सीमित थे, लेकिन अब शहरी कॉलोनियों तक पहुंच चुके हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, ये सस्ते हथियार बेरोजगार युवाओं के हाथ में खतरनाक खिलौने बन जाते हैं। सुंदरनगर की घटना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
स्थानीय निवासियों में इस घटना के बाद भय का माहौल है।
लोग पूछ रहे हैं कि जब कॉलोनी जैसे रिहायशी इलाके में भी लोग हथियार लेकर घूम सकते हैं, तो बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी?
कुछ लोगों ने सवाल उठाया है कि आखिर पुलिस और प्रशासन अवैध हथियार कारोबार पर सख्त कार्रवाई कब करेगा?
सुंदरनगर की इस घटना ने न केवल एक व्यक्ति की जान जोखिम में डाली, बल्कि पूरे इलाके में डर का माहौल बना दिया।
सवाल यह नहीं कि आरोपी पकड़ा गया या नहीं, सवाल यह है कि इतने सस्ते में घातक हथियार आम आदमी तक कैसे पहुंच रहे हैं?
क्या हमारी व्यवस्था इतनी कमजोर हो चुकी है कि दो हज़ार रुपये में मौत खरीदी जा सकती है?
अब वक्त है कि इस तरह की घटनाओं को सिर्फ खबरों में न छोड़ा जाए, बल्कि उन जड़ों को उखाड़ा जाए जहां से ऐसे अपराध जन्म लेते हैं।
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